महज 10 वर्ष में प्रोफेसर बना गया है यह बालक , कंठस्थ हैं गीता के 700 श्लोक

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भारत में प्रतिभाओं की कमी नहीं है यह तो आप जानते ही होंगे, इसी क्रम में आज हम आपको मिला रहें हैं भारत के ही एक सात वर्ष के बालक से, जिसने अपनी छोटी उम्र में न सिर्फ सम्पूर्ण गीता कंठस्त कर ली है, बल्कि वह देश-विदेश के विश्विद्यालयों में जाकर लोगों में जन-जागरूकता भी फैला रहा है। जी हां, आज हम आपको एक ऐसे ही बच्चे से मिला रहें हैं जो की देश-विदेश के कई विश्विद्यालयों में भारत से बुलाया जाता है और वहां जाकर यह शरीर, मन तथा जीवन के ऊपर लोगों को बातें बताता है, जिनसे न सिर्फ मानव का जीवन उन्नत बनता है, बल्कि लोग लंबे समय तक स्वस्थ भी रहते है, आइए जानते हैं इस बालक के बारे में।

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भारत से देश-विदेश में जाकर जनजागरण करने वाले इस बालक का नाम “अभिज्ञ” है। इस बालक की उम्र वर्तमान में महज 10 वर्ष है और यह मैसूर के सरकारी विद्यालय में कक्षा 6 का विद्यार्थी है। यह बालक देश-विदेश में जाकर व्याख्यान देता है और लोगों को शरीर तथा मन के प्रति जागरूक करता है। इस बालक को सुनने के लिए हजारों अन्य विद्यार्थी आते हैं, इस प्रकार से यह बालक अन्य विद्यार्थियों को शिक्षित करने वाला एक प्रोफेसर ही लगता है। यह बालक “स्वच्छ शरीर अभियान” नामक प्रोग्राम चलाता है और बताता है कि आपको स्वस्थ रहना है तो सिर्फ बाहरी सफाई से ही काम नहीं चलेगा। इसके लिए आपको अपने शरीर की आतंरिक सफाई भी करनी होगी। इस प्रकार से यह बालक शरीर और जीवन के बारे में लोगों को शिक्षित करता है। भारत का यह बालक कई बार जर्मनी के विश्विद्यालयों में जा चुका है और यह बालक कई बार कई पुरुस्कारों से भी समान्नित किया जा चुका है। वर्तमान में अभिज्ञ संस्कृत, ज्योतिषी और आयुर्वेद का अध्यन्न कर रहा है तथा साथ ही वह आयुर्वेद सूक्ष्म विज्ञान का भी अध्ययन कर रहा है।

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