कहते हैं कि कब्र एक ऐसी जगह है जहां किसी प्रकार की कोई समस्या पीछा नहीं करती, लेकिन अगर कब्र में भी सुकून न मिले तो फिर दुनिया के किस कोने में जाया जाए। आजकल ग्रीस में कुछ ऐसा ही माहौल देखने को मिल रहा है। कुछ पैसे के खातिर लोगों को कब्र से निकालने का सिलसिला जारी है। जिसके चलते यहां के मुर्दे बड़ी तेजी से कब्र से बाहर आ रहे हैं।
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ग्रीस एक घनी आबादी वाला देश है। ग्रीस के शहरी कब्रिस्तानों में कब्रों की संख्या में एकाएक तेजी से इजाफा हुआ है। यहां पर शव को तीन वर्षों के लिए ही दफन किया जाता है। जिसके बाद उसे बाहर निकाल लिया जाता है और कब्र की वो जगह किसी और के काम आ जाती है। दरअसल पिछले करीब पचास सालों में ग्रीस की आबादी में इजाफा हुआ। देश की ज्यादातर आबादी एथेंस और थेस्सालोनिकी में बस गई है।
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इसके अलावा कुछ वर्षों पहले ग्रीस में श्मशान बनाने के लिए एक कानून पास किया गया था, लेकिन कट्टरपंथी चर्चों ने इसका विरोध किया। अब यहां पर श्मशान को लेकर समस्या उत्पन्न हो गई है। श्मशान में मुर्दा को दफन रखने व उन्हें वहीं पर रखने के लिए परिवारवालों से पैसे लिए जाते हैं। जिसके पास पैसे नहीं होते हैं वो अपने परिजनों को कब्र से निकालवा लेता है। कब्र से निकाली गई अस्थियों को भी एक विशेष कक्ष में रखा जाता है। इस कक्ष को ओसरी कहा जाता है। वहीं इस कक्ष में अस्थियां रखने के भी पैसे लगते हैं। कब्रिस्तानों पर पड़ने वाले दबावों के कारण अब क्रिमेटोरियम भी बनवाए गए हैं। जिससे शवों को दफनाने के बजाय जलाया जा सके, ताकि पैसे के बोझ से लोगों को बचाया जा सके।