दुनिया भर में रेसलिंग के डब्लूडब्लूई फॉरमेट को सभी लोग जानते हैं। खासकर युवा वर्ग तो इस डब्लूडब्लूई का सबसे बड़ा प्रशंसक वर्ग है। इस रेसलिंग फॉरमेट को भारत में भी बहुत पसंद किया जाता है। भारत में कुश्ती खेलने का प्रचलन कई सालों पहले से है, पर इसे उतनी लोकप्रियता नहीं मिल सकी है जितनी मिलनी चाहिए थी। इस खेल को भारत में लोकप्रिय बनाने के लिए द ग्रेट खली ने जिम्मा उठा लिया है। इसके लिए वह एक रेस्लिंग प्रतियोगिता लेकर आ रहे हैं। इस स्वदेशी संस्करण के प्रमोशन के दौरान एक अलग वाकया देखने को मिला। जिसमें द ग्रेट खली के स्वागत में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरिश रावत को एक कुर्सी पर चढ़ना पड़ा।
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भारत में भी डब्लूडब्लूई के फॉरमेट की तर्ज पर नई रेस्लिंग प्रतियोगिता लाई जा रही है। दरअसल यह प्रतियोगिता युवाओं में रेस्लिंग के प्रति उनके लगाव को बढ़ाने के उद्देश्य से आयोजित की जा रही है। अभी तक देश में कुश्ती का कोई पॉपुलर फॉरमेट नहीं है। इस प्रतियोगिता को द ग्रेट खली की एकेडमी सेंटर फॉर रेस्लिंग एंटरटेनमेंट द्वारा देहरादून में आयोजित किया जा रहा है। इसके प्रमोशन के लिए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत को बुलाया गया था। इस अवसर पर मुख्यमंत्री हरीश रावत ने द ग्रेट खली के साथ पंजा भी लड़ाया। यह रेस्लिंग प्रतियोगिता देहरादून में 24 और 28 फरवरी को रखी गई है। इस रेस्लिंग के मुकाबले में द ग्रेट खली खुद भी रिंग में उतरेंगे। इस प्रतियोगिता का नाम सीडब्लूई द ग्रेट खली रिटर्न्स रखा गया है। कार्यक्रम में खली को सम्मानित करने के दौरान का नजारा तब देखने लायक बन गया जब उत्तराखंड के सीएम हरीश रावत कुर्सी पर चढ़ गए। दरअसल कार्यक्रम के मंच पर खली के साथ सीएम हरीश रावत काफी छोटे लग रहे थे। उन्हें द ग्रेट खली के सम्मान के लिए उनके सिर पर एक टोपी पहनानी थी। ऐसे में सीएम साहब ने कुर्सी पर चढ़कर खली को टोपी पहनाई।
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इस कार्यक्रम में खली ने कहा कि डब्लूडब्लूई का केंद्र अमेरिका है। इस तर्ज पर भारत में भी रेस्लिंग का आयोजन करने के लिए ही वह डब्लूडब्लूई को छोड़कर देश लौटे हैं, ताकि युवाओं को कुश्ती के लिए प्रोत्साहित किया जा सके।