पूजा तो हर घरों में होती है, पर यदि आप पूजा करने के सही तौर तरीकों के बारे में जान जाते हैं तो यह काफी फलदायक सिद्ध हो सकती है। ज्यादातर लोग अपने घरों में मंदिर बनवाते हैं। यह तो सही है कि मंदिर में रोज पूजा करने पर घर का वातावरण पवित्र और सकारात्मक बना रहता है। साथ ही सभी देवी-देवताओं की कृपा भी प्राप्त होती है। पर यहां कुछ ऐसी बातों के बारे में आपको बता रहे हैं जिनका आपको ध्यान देना जरूरी है। यदि आप इन बातों का ध्यान रखते हैं तो पूजा का फल जल्दी प्राप्त होगा और लक्ष्मी की कृपा आपके घर साल भर बरसेगी।
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1. सबसे खास बात है कि घर में मंदिर नहीं होना चाहिए, यदि आपने मंदिर बनवा ही लिया है तो इसमें ज्यादा मूर्तियां नहीं रखनी चाहिए। शास्त्रों के अनुसार बताया गया है कि यदि हम मंदिर में शिवलिंग रखना चाहते हैं तो शिवलिंग 3-4 इंच तक ही होना चाहिए या हमारे अंगूठे के आकार से बड़ा नहीं होना चाहिए। शिवलिंग बहुत संवेदनशील होता है और इसी वजह से घर के मंदिर में छोटा सा शिवलिंग रखना शुभ होता है। जो भी देवी-देवताओं की मूर्तियां आप घर पर रख रहे हैं वो भी छोटे आकार के होने चाहिए। अधिक बड़ी मूर्तियां बड़े मंदिरों के लिए श्रेष्ठ रहती हैं, लेकिन घर के छोटे मंदिर के लिए छोटे-छोटे आकार की प्रतिमाएं श्रेष्ठ मानी गई हैं।
2. हमारे घर पर पूजा घर सही जगह पर होना चाहिए। जगह ऐसी हो जहां पर सूर्य की रोशनी सीधे आपके मंदिर पर पड़े। जिन घरों में सूर्य की रोशनी और ताजी हवा आती रहती है वहां वास्तुशास्त्र के अनुसार घरों के कई दोष दूर हो जाते हैं। सूर्य की रोशनी से वातावरण की नकारात्मक ऊर्जा भी खत्म होती है और वातावरण सकारात्मक बनता है।
3. घर में जहां मंदिर है वहां जूते चप्पल चमड़े वाले नहीं होने चाहिए और ना ही अपने मंदिर पर या घर पर मृतकों और पूर्वजों के फोटो लगाना चाहिए। पूर्वजों के फोटो लगाने के लिए दक्षिण दिशा सही रहती है। घर में दक्षिण दिशा की दीवार पर मृतकों के फोटो लगाए जा सकते हैं, लेकिन ये फोटो मंदिर में नहीं रखना चाहिए। पूजन कक्ष में पूजा से संबंधित सामग्री ही रखना चाहिए। दूसरी चीजें रखने से बचना चाहिए।
4. घर के मंदिर के पास में शौचालय नहीं होना चाहिए। यह काफी अशुभ होता है। इसीलिए ऐसे स्थान पर पूजन कक्ष बनाएं जहां आस-पास शौचालय न हो। यदि किसी छोटे कमरे में पूजा कक्ष बनाया गया है तो वहां कुछ स्थान खुला होना चाहिए, जहां आसानी से बैठा जा सके।
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5. हर घरों में पूजा सुबह और शाम होती रहनी चाहिए। इसके अलावा दीपक भी दोनों ही समय जलाना चाहिए। पूजा करते समय घंटी का बजाना काफी शुभ होता है। घंटी और शंख से घर के सभी दोष दूर हो जाते है। घंटी और शंख की आवाज से नकारात्मकता नष्ट होती है और सकारात्मकता बढ़ती है। दिन में कम से कम एक बार कपूर अवश्य जलाएं। इससे वास्तु के कई दोष दूर होते हैं।
6. पूजा करने में हमेशा ताजे और सुगंधित फूलों का ही उपयोग करना चाहिए। आपके घर में जितनी ज्यादा सुगंध होगी उतना ही देवी देवताओं का आपके घर पर वास होगा। घर में खुशबूदार अगरबत्ती का भी उपयोग कर सकते हैं।
7. हमेशा ही पूजा घर को रात में सोने से पहले पर्दे से ढंक कर ही सोना चाहिए। आपके घर पर हमेशा शांति का वातावरण बना रहना चाहिए। किसी भी प्रकार की कलह दरिद्रता को आमंत्रित करती है। इसी कारण घर में हमेशा शांति का और खुशी का माहौल बनाकर रखें।
8. आज के समय गाय के गोबर को घर लाना लोग गंदा समझते हैं, पर लोग यह नहीं जानते कि गोबर से घर पर पवित्रता का वातावरण बनता है। इसके साथ ही गोमूत्र का भी छिड़काव घर पर करना चाहिए। घर को गोबर से लीपने से व गौमूत्र के छिड़काव से पवित्रता तो बनी ही रहती है। साथ आपके घर का वातावरण सकारात्मक हो जाता है।
शास्त्रों के अनुसार गौमूत्र बहुत चमत्कारी होता है और इस उपाय घर पर दैवीय शक्तियों की विशेष कृपा होती है। गौमूत्र की गंध से वातावरण के सूक्ष्म कीटाणु भी नष्ट हो जाते हैं।
9. ज्यादातर देखा जाता है कि पूजा करते समय लोग दिशाओं की ओर कोई ध्यान नहीं देते कि किस दिशा में पूजा करनी चाहिए। मंदिर में पूजा करने वाले व्यक्ति का मुंह पश्चिम दिशा की ओर होगा तो बहुत शुभ रहता है। इसके लिए पूजा स्थल का दरवाजा पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए। यदि यह संभव ना हो तो पूजा करते समय व्यक्ति का मुंह पूर्व दिशा में होगा तब भी श्रेष्ठ फल प्राप्त होते हैं।
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10. मंदिर की मूर्तियां खंडित हो चुकी हैं तो उन्हें अलग कर देना चाहिए, उनकी पूजा नहीं करनी चाहिए। खंडित मूर्तियों की पूजा अशुभ मानी गई है। इस संबंध में यह बात ध्यान रखने योग्य है कि सिर्फ शिवलिंग कभी भी और किसी भी अवस्था में खंडित नहीं माना जाता है।