22 जुलाई यानि के कल के दिन 2.43 मिनट पर चंद्रयान-2 को लॉच किया गया। और इसी के साथ सभी की नजरें वहां के आने वाली तस्वीरों के लिये टिकी गई। लेकिन अभी वो चाँद पर पहुचां भी नही था कि उससे पहले ही उसने चाँद की तस्वीरों को भेजना शुरु कर दिया है, तस्वीरों को देखते ही हर कोई हैरान हो गया! जिसके बाद से इसरो में दावा किया जाने लगा है कि हमारे मिशन के पहले “कानपुर का कोई बंदा चाँद पर पहुँच चुका है, जिसके बारे में अभी तक किसी को पता नहीं था।”
जानें क्या दिखा चंद्रयान-2 के द्वारा भेजी गई तस्वीरों में..
इसरो ने चंद्रयान-2 का एक वीडियो जारी किया है, जिसमें वो सारे सामान दिखायी दे रहे है, जिसे अंतरिक्ष यात्री चाँद पर छोड़कर आये हैं। इस सामान में अमेरिकी झंडों और कैमरों के अलावा गुटखे के खाली पाउच भी नज़र आ रहे है। साथ ही चिप्स के दो पैकेट और कोल्ड ड्रिंक की एक खाली बोतल भी पड़ी है।
इन सामान को देखकर इसरो के द्वारा ये दावा किया जा रहा है कि हो ना हो “कानपुर का ही कोई ना कोई बंदा चाँद पर ज़रूर पहुँचा है।” फिलहाल इसरो के वैज्ञानिक उस पाउच की गहराई से जाँच करने में लग गये हैं ताकि उस बंदे की ‘चाँद-यात्रा’ के बारे में जाने की सटीक जानकारी प्राप्त कर सके।
फिलहाल इस ख़बर के वायरल होते ही पूरे कानपुर में जश्न का माहौल बन गया है और लोग इधर-उधर पिचकारी मारकर सेलिब्रेट कर रहे हैं। अब इस खबर को सुन मिडिया के लोग सच्चाई जानने के लिये अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा के घर पहुँचे और उनसे पूछा गया- कि “कहीं ऐसा तो नहीं कि आपने ही गुटखा खाकर वो पाउच वहाँ फेंका हो?” इस पर राकेश ने उन्हें समझाया कि “भैय्या, मैं अंतरिक्ष में गया था ना कि चाँद पर!”
“तो हो सकता है कि आपने इस गुटखें को खाकर इस पाउच को अंतरिक्ष में फेंका हो और वो उड़ते-उड़ते चाँद पर पहुंच गया हो!” रिपोर्टर के इस सवाल को सुनते ही राकेश गश्त खाकर गिर पड़े। अंतिम समाचार मिलने तक उन्हें अब तक होश नहीं आ पाया था।
हालांकि, अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया हो कि वो खाली पाउच है किस कंपनी का! अब कंपनी का नाम सुनते ही छोटी बड़ी गुटखा कंपनियों के अपना बताने की होड़ मच गयी है। माणिकचंद गुटखा के सीईओ सुंदर पिचकारी ने भी मौके का फायदा उठाया और बताने लगे कि “इतनी ऊँची पसंद तो हमारा गुटखा खाने वालों की ही होती है।” अब तो बढ़ती डिमांड देखते ही पिचकारीजी ने अपना नया स्लोगन भी जारी कर दिया है- “मुंह में रजनीगंधा, क़दमों में चाँद!”