नदियों में नांव चलना आम बात है। आप सभी ने अपने जीवन में अनगिनत नांव देखी होगी और कई बार नौकायन का भी लुत्फ उठाया होगा। कुछ जगहों पर बड़े तालाब या झीलों में नांव चलती हैं तो कुछ जगहों पर नदियों में। हम सभी यह अच्छी तरह जानते हैं कि चाहे जिस भी तरह की नांव हो वह तैरकर ही नदी या झील को पार करती है, लेकिन आज हम आपको एक ऐसी नदी के बारे में बताने जा रहे हैं जिसमें नांव तैरती नहीं बल्कि उड़ती हैं। आइए जानते हैं इस अनोखी नदी के बारे में।
यहां हम बात कर रहे हैं मेघालय की उमंगोट (umngot) नदी के बारे में।
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मेघालय की सुंदरता से तो आप सभी परिचित होंगे। यहां के प्राकृतिक नजारे और वातावरण की स्वच्छता हर किसी का ध्यान बरबस ही अपनी ओर आकर्षित कर लेती है। यहां भरपूर हरियाली के साथ-साथ वातावरण भी बिल्कुल स्वच्छ रहता है। नदियां तक इतनी साफ सुथरी हैं कि इन्हें देख कर लोग चकित हो जाते हैं। आप में से कई लोगों ने शायद मेघायल के बेहद खूबसूरत व प्राकृतिक सौंदर्य का नजारा भी देखा होगा। आज हम आपको बता रहे हैं मेघालय के देवकी की। यहां का प्राकृतिक सौंदर्य अलौकिक, अनुपम और अद्वुतीय है। आज हम आपको देवकी शहर से गुजरी उमंगोट नदी के बारे में बताने जा रहे हैं।
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जानकारी के लिए आप यह भी जान लें कि देवकी शिलॉन्ग, जो कि मेघालय की राजधानी है उससे 100 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। अब बात करते हैं उमंगोट नदी की। इस नदी की सबसे बड़ी खासियत इसका बेहद साफ पानी है। उमंगोट नदी का पानी इतना साफ है कि कहीं-कहीं तो आपको इसका तल भी नजर आ जाएगा। यही वजह है कि इस नदी में जब भी कोई नांव चलती है तो वह तैरती हुई नहीं बल्कि उड़ती हुई नजर आती है। आपको शायद इस बात पर भरोसा ना हो इसलिए यहां हम आपके लिए उमंगोट नदी की कुछ तस्वीरें भी लेकर आए हैं। तो देखिए इस नदी में उड़ रही नांवों को।