अगर आप मिठाई खाने के शौकीन हैं तो जरा सावधान हो जाइए! इस दिवाली पर मिठाइयों का स्वाद जरा संभलकर लीजिएगा। इस खुशी के मौकों पर आप जो मिठाई खाने जा रहे हैं कहीं वह जहरीली तो नहीं?
जी हां, यह जहरीली हो सकती है। त्योहार के मौसम को देखते हुए मिलावटखोरों ने अपना कारोबार तेज कर दिया है। बर्फी, लड्डू या अन्य मिठाई देखने में बेशक जितनी लुभावनी होती है, मगर स्वास्थ्य के लिए यह उतनी ही खतरनाक हो सकती है। एक तरफ जहां दिवाली के मौके पर बाजार मिठाइयों से पटा पड़ा है, लेकिन सब कुछ असली है ऐसा नहीं कहा जा सकता। मिठाइयों में हानिकारक सिन्थेटिक रंगों और डाई का भरपूर इस्तेमाल किया जा रहा है। दूध से लेकर खोवा तक सबमें मिलावट जारी है। ऐसे में यह मिठाइयां आपके स्वाद को बढ़ाने के साथ ही खतरनाक बीमारियां भी बढ़ा सकती हैं। इसीलिए आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि आप कैसे घर पर बैठकर असली मिठाई की पहचान कर सकते हैं।
असली दूध की जांच-
दूध में स्टार्च और यूरिया की पहचान के लिए दूध में दो बूंद टिंचर आयोडिन डालकर एक मिनट छोड़ दें। अगर दूध का रंग नीला हो जाए तो दूध में मिलावट है। इसके साथ ही दूध में डिटर्जेंट की पहचान के लिए उसमें नीबू मिलाकर जांच की जा सकती है। दूध से बुलबुला उठता है तो दूध नकली है।
Image Source: http://media2.intoday.in/
खोवा में भी हो सकती है मिलावट-
खोवा में वनस्पति घी की पहचान के लिए उसमें पहले थोड़ा सा तेजाब मिलाएं और मिश्रण तैयार होने के बाद उसमें थोड़ी सी चीनी मिलाएं। अगर सतह पर हल्का नीला या गुलाबी रंग दिखे तो खोवा नकली है। इसके साथ ही खोवा में भी डिटर्जेंट की पहचान के लिए नीबू डालकर बुलबुलों का इंतजार करें। अगर नकली खोवा है तो दूध की ही तरह उसमें भी बुलबुले उठेंगे।
Image Source: http://wahgazab.com/
मिठाइयों पर लगे चांदी के वर्क-
चांदी के वर्क की जगह अगर एल्यूमिनियम का इस्तेमाल हुआ है तो इसकी पहचान भी काफी आसान है। वर्क को आग लगाने पर अगर चांदी हुआ तो पूरा जल जाएगा जबकि एल्यूमिनियम होने पर वर्क सफेद रंग का होने के साथ ही मुड़ने लगेगा।