राष्ट्रपति बन कर प्रतिभा पाटिल ने नारी शक्ति को दिया बढ़ावा

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स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली महिला राष्ट्रपति बनने वाली प्रतिभा देवी सिंह पाटिल का आज जन्मदिन है। उनका जन्म 19 दिसंबर 1934 को महाराष्ट्र के जलगांव जिले में हुआ था। इन्हें भारत का बारहवां निर्वाचित राष्ट्रपति बनने का गौरव प्राप्त हुआ है। इतना ही नहीं इनका राष्ट्रपति बनना नारी शक्ति के सन्दर्भ में एक महत्त्वपूर्ण अध्याय साबित हुआ। भारत के लोकतांत्रिक इतिहास में 21 जुलाई 2007 का दिन इस कारण काफी महत्वपूर्ण माना जाता रहेगा क्योंकि देश की आज़ादी के साठ वर्षों के बाद एक महिला को प्रथम बार एक राष्ट्रपति के रूप में निर्वाचित होने का मौका मिला। प्रतिभा पाटिल अपने साधारण पहनावे की वजह से भी बिल्कुल अलग नज़र आती हैं।

प्रतिभा पाटिल एक बेहद सम्माननीय महिला के तौर पर देखी जाती हैं। केवल इसलिए नहीं कि वह भारत की राष्ट्रपति हैं, बल्कि इसलिए क्योंकि देश के सर्वोच्च पद पर पहुंचने के बाद भी उन्होंने एक महिला होने के नाते अपनी गरिमा को बनाए रखा। उनका व्यक्तित्व स्वयं में एक शांत और निर्मल स्वभाव की महिला की पहचान है।

pratibha patilImage Source: http://www.thehindu.com/

प्रतिभा पाटिल ने 27 वर्ष की आयु में अपना राजनैतिक करियर शुरू किया था। इनकी विशेष रुचि ग्रामीण अर्थव्‍यवस्‍था के विकास और महिलाओं के कल्‍याण में अधिक रही है। वह राष्‍ट्रीय सहकारी शहरी बैंक और ऋण संस्‍थाओं की उपाध्‍यक्ष तथा बीस सूत्रीय कार्यक्रम क्रियान्वयन समिति, महाराष्‍ट्र की अध्‍यक्ष तक रही हैं। प्रतिभा देवी सिंह पाटिल ने अमरावती में दृष्टिहीनों के लिए एक औद्योगिक प्रशिक्षण विद्यालय, निर्धन और जरूरतमंद महिलाओं के लिए सिलाई कक्षाओं, पिछड़े वर्गों और अन्‍य पिछड़े वर्गों के बच्‍चों के लिए नर्सरी स्‍कूल खोल कर उल्‍लेखनीय योगदान दिया। किसान विज्ञान केन्‍द्र, अमरावती में किसानों को फसल उगाने की नई एवं वैज्ञानिक तकनीकें सिखाने, संगीत और कम्‍प्‍यूटर की कक्षाएं भी आयोजित करवाईं।

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