बालासाहब ठाकरे से तो आप परिचित ही होंगे, आज उनकी पुण्यतिथि पर हम आपको बता रहें हैं उनके जीवन के वह अनछुए पहलू जिनके बारे में बहुत कम लोग ही जानते हैं, बाला साहब से आज सभी लोग परिचित हैं पर हर किसी के जीवन में कुछ अनछुए पहलू भी होते हैं, जिनको कुछ ही लोग जानते हैं इसलिए आज हम आपको बता रहें हैं बाला साहब ठाकरे के जीवन से जुड़े कुछ रोचक तथ्य।
बाला साहब ठाकरे ने राजनीतिक पार्टी “शिव सेना” का गठन किया था और तब से महाराष्ट्र की राजनीति में हमेशा “शिव सेना” का दबदबा रहा है। बाला साहब भी अपने जीवनकाल में कभी अपने कपड़ों की वजह से तो कभी लुक के कारण काफी चर्चित रहें, पर उनको सबसे ज्यादा चर्चित किया उनकी बेबाकी ने और उनके विवादित बयानों ने। राजनीतिक पार्टी गठन करने के बाद में उन्होंने कभी स्वयं न तो चुनाव लड़ा और न ही कभी वे विधिवत तरीके से पार्टी के अध्यक्ष चुने गए, पर फिर भी उन्होंने महाराष्ट्र और मुम्बई पर अपनी पकड़ और अपने प्रभाव को जरा भी कम नहीं होने दिया, यही उनके राजनीतिक जीवन की सबसे खास बात है।
आज उनकी पुण्यतिथि पर हम आपको बता रहें उनके जीवन से जुड़े कुछ रोचक तथ्य।
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1- बहुत कम लोग जानते हैं कि बाला साहब ठाकरे ने अपना कैरियर एक “कार्टूनिस्ट” के रूप में शुरू किया था और उस समय वे एक अंग्रेजी न्यूज पेपर में कार्टून बनाते थे। बाद में उन्होंने “मार्मिक” नाम से अपना एक साप्ताहिक न्यूज पेपर भी निकाला था।
2- इस बात को भी कम ही लोग जानते हैं कि बाला साहब ठाकरे मुम्बई को भारत की राजधानी बनाना चाहते थे, उन्होंने इसके लिए 1950 के दशक में काफी कार्य भी किया था।
3- अपने अखबार “सामना” के संपादकीय में उन्होंने अपनी मृत्यु से कुछ दिन पहले अपने आलेख में लिखा था “आजकल मेरी हालत चिन्ताजनक है किन्तु मेरे देश की हालत मुझसे अधिक चिन्ताजनक है; ऐसे में भला मैं चुप कैसे बैठ सकता हूं?”
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4- बाला साहब का वास्तविक नाम “बालासाहेब केशव ठाकरे” था, पर लोग उनको प्रेम से “बाला साहब” कहते थे और “शिव सेना” के गठन के बाद में उनसे जुड़ने वाले लोगों में बहुत वृद्धि हुई और बाला साहब के ये अनुयायी उनको “हिन्दू ह्रदय सम्राट” कहते थे।
5- बाला साहब के जीवन पर एक फिल्म भी बनी है जिसका नाम है “बालकडू”, यह फिल्म मराठी भाषा की फिल्म है और इस फिल्म में कई जगह बाला साहब की ही वास्तविक आवाज का उपयोग किया गया है। यह फिल्म 2015 में आई थी और इस फिल्म को उनके जन्मदिन 23 जनवरी पर रिलीज किया गया था। 17 नवंबर 2012 के दिन अपने आवास “मातुश्री” पर बाला साहब ने 3 बजकर 33 मिनट पर अंतिम सांस ली और इस दुनिया से प्रयाण कर गए।