हाल ही में हुए चीली के हादसे को हम भूल भी नहीं पाए थे कि अमरीका के सिनसिनाटी शहर के चिड़ियाघर में गोरिल्ला के बाड़े में बच्चे के गिरने से तहलका मच गया। जी हां! सिनसिनाटी जू में हर तरफ शोर मच गया जब 4 साल का बच्चा 12 फीट की ऊंचाई से गोरिल्ला के बाड़े में गिर गया। बच्चे के गिर जाने पर 180 किलो के 17 साल के नर गोरिल्ला ने उसे तुरंत पकड़कर घसीट लिया। लगभग 10 मिनट तक मासूम मौत के साय में रहा। लोगों की तब सांसे रुक गई जब गोरिल्ला ने बच्चे को टागों के बीच में लिया। बच्चे की जान की परवाह करते हुए अधिकारियों को गोरिल्ला को गोली मारनी पड़ी। आपको बता दें कि 17 साल के गोरिल्ला का नाम ‘हैराम्बे’ था।
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फिलहाल बच्चा अस्पताल में भर्ती है। चिड़ियाघर के निदेशक का कहना है कि “ अधिकारियों के लिए मुश्किल स्थिति थी, जिस पर उन्होंने गोरिल्ला को गोली मारना सही समझा”। अधिकारियों की माने तो गोरिल्ला को बेहोशी की दवाई नहीं दी जा सकती थी क्योंकि उसका असर होने में समय लगता है। जिसके कारण गोरिल्ला को गोली ही मारनी पड़ी। अधिकारियों ने अफसोस जताते हुए कहा कि “हमें दुख है कि लुप्त होती हुई प्रजाति गोरिल्ला को ना चाहते हुए भी मारना पड़ा। ये दुनियाभर की गोरिल्ला की आबादी के लिए ये बड़ा नुकसान साबित हो सकता है।”
कितने जानवरों को इंसान की गलती की वजह से मारा जाएगा?
लगातार हुए दो हादसों में ये सवाल उठता है कि आखिर कब तक इंसानों की गलती की भरपाई जानवरों को करनी पड़ेगी? शेर और गोरिल्ला दोनों एक ऐसी प्रजाती है जो दुनिया भर में काफी कम संख्या में बची हुई है। पिछले हफ्ते चिली में भी एक युवक ने शेर के बाड़े में खुदकुशी करने की कोशिश की थी। जिसके चलते दो शेरों को अपनी जान गवानी पड़ी थी। ये हादसा टल भी सकता था अगर शेर को पिंजरे में रखा जाता। अगर हम बात करें सिनसिनाटी जू कि तो मां-बाप की लापरवाही से बच्चा गोरिल्ला के बाड़ें में जा गिरा, अगर उन्होंने ध्यान रखा होता तो बच्चें को कोई चोट नहीं आई होती और गोरिल्ला अभी तक सही सलामत होता। गौरतलब है कि गोरिल्ला को सिर्फ इसलिए मारा गया क्योंकि बच्चे की जान को खतरा था। हालांकि उसने बच्चे को कोई चोट नहीं पहुचाई थी बल्कि बच्चे को गहरे पानी में जाने से रोक रहा था।