भारत के संबंध पाकिस्तान के साथ सुधरते नहीं दिख रहे हैं। यह सबसे बड़ी चिंता का विषय बनता जा रहा है क्योंकि पाकिस्तान अपने आप को मजबूत करने के लिए हथियारों का निर्माण काफी तेजी से कर रहा है। अमेरिका ने पाकिस्तान को चेतावनी दी है कि पाकिस्तान ऐसा कोई कदम न उठाए जिससे परमाणु सुरक्षा और रणनीतिक स्थिरता का खतरा बढ़े। इसके साथ ही अमेरिकी सांसदों ने पाकिस्तान की पोल खोलते हुए उसे चुगलखोर, मुखबिरी करने वाला और आतंकियों का सहयोगी देश करार दिया है। अमेरिकी सांसदों का कहना है कि पाकिस्तान आतंकियों को सपोर्ट करता है, इसलिए उसे हथियार न बेचे जाएं। अमेरिका पिछले 14 साल में पाकिस्तान को 1820 अरब रुपए की मदद कर चुका है।
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पाकिस्तान में परमाणु हथियारों के विकास पर अमेरिका ने चिंता जताई है। अमेरिकी सांसदों ने सरकार से इस्लामाबाद के साथ सख्ती बरतने के लिए कहा है क्योंकि पाकिस्तान भारत के साथ अपने संबंधों को लेकर कोई भी गंभीरता नहीं दिखा रहा है। हमेशा हर नियमों का उल्लंघन कर भारत पर सीजफायर करता नजर आया है और हथियारों के निर्माण की गति भी तेज कर दी है।
आफगानिस्तान एवं पाकिस्तान के लिए अमेरिका के विशेष प्रतिनिधि रिचर्ड ओल्सन ने भी चिंता जाहिर करते हुए पाकिस्तान के खिलाफ सांसदों से कहा कि हम आपकी सभी चिंताओं से वाकिफ हैं। विशेषकर पाकिस्तान के परमाणु हथियारों के विकास से जुड़ी चिंता से। हमें सबसे ज्यादा चिंता पाकिस्तान के मिसाइल कार्यक्रम की गति और इसके विस्तार को लेकर है जिसमें परमाणु तंत्रों पर काम करना भी शामिल है।
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अमेरिका ने पाकिस्तान से उसके परमाणु एवं मिसाइल कार्यक्रमों पर रोक लगाते हुए कहा कि परमाणु क्षमता से संपन्न सभी देशों की तरह पाकिस्तान भी अपने परमाणु हथियारों और मिसाइल विकास पर रोक लगाए। इस बात की गहराई पर भी जोर देते हुए कहा कि ऐसा कोई भी कदम ना उठाये जो परमाणु सुरक्षा, सुरक्षा या रणनीतिक स्थिरता पर खतरे को बढ़ा सकता हो। इसी के चलते अमेरिका पाकिस्तान के साथ 123 समझौते पर वार्ता नहीं कर रहा है।