जैसा कि आप जानते हैं कि नवरात्रे चल रहे हैं और जगह-जगह पर माता के जगराते हो रहे हैं। देखा जाये तो यह समय देश भर में शक्ति उपासना के पर्व के रूप में जाना जाता है। देश में बहुत से ऐसे स्थान भी हैं जहां पर विशेष रूप से शक्ति की उपासना की जाती है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इन स्थानों पर ऊर्जा का प्रवाह अधिक होता है। कालान्तर में इन स्थानों पर उपासना के लिए मंदिरों का निर्माण कर दिया गया था। आज भी इन मंदिरों में बहुत से लोग जाते हैं और उपासना करते हैं। आज हम आपको कुछ ऐसे ही मंदिरों के बारे में बताने जा रहे हैं जो केवल प्रसिद्ध हैं बल्कि इन मंदिरों से कोई न कोई चमत्कार या रहस्य भी जुड़ा हुआ है। तो आइये जानते हैं कुछ ऐसे चमत्कारी देवी मंदिरों के बारे में।
1- सिमसा माता मंदिर (हिमाचल प्रदेश)
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यह मंदिर हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में स्थित है। कहा जाता है कि यह एक चमत्कारी मंदिर है। यहां पर “सिमसा देवी” की उपासना की जाती है जो कि मां दुर्गा का ही एक विग्रह मानी जाती हैं। माता सिमसा को यहां पर संतान दात्री के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि ऐसी मान्यता है कि इस मंदिर में आने के बाद नि:संतान दम्पत्तियों को संतान की प्राप्ति हो जाती है। प्रत्येक साल यहां पर बहुत से नि:संतान लोग संतान की इच्छा लेकर आते हैं। नवरात्र के समय बहुत सी महिलाएं भी इस मंदिर में संतान की इच्छा से उपासना करती हैं। कहा जाता कि नवरात्र में यहां उपासना करने वाली महिलाओं को माता सिमसा स्वप्न में दर्शन दे कर संतान का आशीर्वाद देती हैं।
2- बगुलामुखी माता मंदिर
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माता दुर्गा के एक स्वरूप को बगुलामुखी भी कहा जाता है। बगुलामुखी माता के सिर्फ 3 मंदिर ही हैं जो कि शक्ति उपासकों से भरे रहते हैं। इन मंदिरों को शक्तिपीठ कहा जाता है। इन मंदिरों में से एक है दतिया (मध्यप्रदेश), दूसरा कांगड़ा (हिमाचल) और तीसरा नलखेड़ा (मध्यप्रदेश) में। इन तीनो मंदिरों पर बहुत से तंत्र साधकों की भीड़ लगी रहती। ऐसा माना जाता है कि जो भी व्यक्ति अपनी इच्छा पूर्ति के लिए पूरी श्रद्धा के साथ बगलमुखी माता की पूजा करता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
3- करणी माता मंदिर (राजस्थान)
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यह मंदिर राजस्थान में स्थित है और बीकानेर से 30 किमी की दूरी पर है। यह काफी प्रसिद्ध मंदिर है और यहां काफी भक्तों की भीड़ रहती है। इस मंदिर की सबसे ख़ास बात है यहां का प्रसाद। यहां पर सबसे पहले इस मंदिर में रहने वाले चूहों को प्रसाद दिया जाता है। इस मंदिर में बहुत बड़ी संख्या में चूहे रहते हैं इसलिए ही इस मंदिर को चूहों वाला मंदिर भी कहा जाता है।