यह घटना बिहार के कटिहार में मनीहारी स्थित मेदिनीपुर की है, यहां पर एक आश्चर्यचकित घटना घटी है। वर्तमान में रमजान चल रहें हैं इसलिए यहां के निवासी इस घटना को अल्लाह से जोड़ कर भी देख रहें हैं। असल में यहां की एक स्थानीय निवासी महिला बीबी रमजानी अपनी रोटियां बना रही थी। इसी दौरान उसके साथ में कुछ ऐसा हुआ जिसके चलते वह चौंक उठी। इसके बाद जैसे जैसे यह खबर गांव के लोगों को लगी महिला के घर के आगे लोगों की भीड़ लगने लगी। महिला ने लोगों को बताया कि जब वह रोटियां बना रही थी तो उसको अपने तवे पर फ़ारसी के शब्द नजर आए, हालांकि महिला का कहना है कि वह 2 साल से उस तवे का उपयोग कर रही है पर कभी ऐसा नहीं हुआ।
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तवे के फ़ारसी शब्दों को पढ़ने के लिए बीबी रमजानी ने एक फ़ारसी पढ़े हुए व्यक्ति को अपने घर पर बुलाया और उन शब्दों को दिखाया। फ़ारसी जानने वाले व्यक्ति ने उस तवे के शब्दों को पढ़ कर उनका तर्जुमा किया और बताया की इस तवे पर 4 बार अल्लाह का नाम और 1 बार आखरी सलाम लिखा गया है। मौलाना एस.के.रहमत हाफिज, जो की मेदिनीपुर की मस्जिद के शाही इमाम हैं ने कहा की “रमजान के महीने में दिन के वक्त चूल्हा तो जलना ही नहीं चाहिए और खाना बनाना ही नहीं चाहिए. उन्होंने कहा कि ये खाना बनाने के क्रम में ऐसी घटना घटी है, मैं लोगों से कहूंगा कि रमजान के महीने में दिन के वक्त खाना ना बनाए, हो सकता है दिन में खाना बनाने के चलते ही अल्लाह ने लोगों को ये संदेश दिया है कि वो संभल जाए नहीं तो उनके साथ कुछ भी अनहोनी हो सकती है।”
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क्या है उन शब्दों का मतलब –
मौलाना एस.के.रहमत हाफिज ने तवे पर लिखे “आखरी सलाम” शब्द को समझाते हुए कहा कि “आखिरी सलाम का मतलब ये हो सकता है कि ये दुनिया आखिरी हो, अल्लाह लोगों को नसीहत देना चाहता हो ताकि लोग होश में आ जाए और संभल जाए, उन्होंने कहा कि अभी भी लोग नहीं संभले और गुनाहों में डूबे रहे तो बहुत जल्द से जल्द कयामत आए।” कुछ लोगों का यह भी कहना है की क़यामत नजदीक है।