शराब एक ऐसी वजह है जो लोगों के घरों को तोड़ने का काम करती है। अगर इसे समाज से हटाया जाए तो समाज में उत्पन्न होने वाली करीब आधी समस्याओं का हल आसानी से किया जा सकता है। बिहार सरकार की ओर से शराब बंद करने के फैसले के बाद से अब इसका असर समाज पर साफ देखा जाने लगा है। जिसमें वर्षों से बिछड़े परिवार दोबारा से एक होने लगे हैं।
शराब के नशे से समाज पर बहुत ही बुरा असर पड़ता है। इस आदत के बुरे प्रभाव के बारे में सब जानते हैं, लेकिन उसको रोकने के लिए कोई पुख्ता इंतजाम नहीं किए जाते। वहीं, इन सभी के बीच बिहार ने शराबबंदी करके समाज को नई दिशा प्रदान करने का काम किया है। इसका असर धीरे-धीरे समाज पर दिखने भी लगा है। पिछले 16 सालों से बिखरा एक परिवार शराब बंद होने के कारण फिर से एक हो गया है।
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बिहार के रोहतास जिले में गोविंद सिंह और विजंती का विवाह 16 साल पहले हुआ था। विवाह के कुछ ही दिनों के बाद से गोविंद की शराब पीने की लत के कारण विजंती देवी को घरेलू हिंसा का शिकार होना पड़ा। कुछ समय के बाद इस परिवार में बेटी का जन्म हुआ। तब भी गोविंद की आदत में कोई सुधार न हुआ। ऐसे में विजंती ने वर्ष 2003 में गोविंद से अलग होने का फैसला लिया। इस फैसले के बाद से वो एक दूसरे से कभी नहीं मिले, लेकिन प्रदेश में शराबबंदी लागू होने के बाद से गोविंद की आदत में बदलाव आने लगा।
शराब न पीने के कारण गोविंद सुधरने लगा। ऐसे में उनकी बेटी गुड्डी ने अपने मां बाप को दोबारा से एक करने की पहल की और अपनी मां को पिता के साथ रहने के लिए मना लिया। इसके बाद इन दोनों की दोबारा शादी करने की सभी तैयारियां की गईं। गुड्डी ने खुद अपने मां बाप की शादी के कार्ड छपवाकर बांटना शुरू किया और दोनों का पुनर्विवाह करवाया। शराबबंदी के लिए विजंती ने प्रदेश के मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया। इसी के साथ ही यह परिवार शराब की लत के कारण अलग हुए अन्य परिवार वालों के लिए मिसाल बन गया।