भोजन हमारे जीवन के लिए बहुत जरूरी होता है। जहां कई लोग इसकी कद्र ना करते हुए भोजन को बरबाद करते रहते हैं, तो वहीं आज भी देश के कई हिस्सों में लोगों को खाने के लिए दो वक्त की रोटी भी नहीं मिल पा रही है। सरकार भले ही यह दावा कर रही है कि देश में अब कोई भी भूखा नहीं सोएगा, वहीं बीते दो दिनों के अंदर देश के अलग-अलग हिस्सों में भूख से दो लोगों की मौत होना इन दावों की हकीकत बयां कर रही है। यूपी के ललितपुर और बांदा में भूख से दो लोगों की मौत हुई है।
जानकारी के मुताबिक सदर कोतवाली के सिविल लाइन इलाके में शनिवार सुबह सुखलाल नामक व्यक्ति का शव लावारिस अवस्था में राहगीरों ने देखा। बताया जा रहा है कि सुखलाल ललितपुर का ही रहने वाला है। सुखलाल के परिवार में उसी पत्नी, मां और पांच बच्चे हैं। इस घटना में सबसे ज्यादा हैरान करने वाली खबर यह है कि मरने के बाद सुखलाल की जेब से कुछ रोटी के सूखे टुकड़े मिले, जिसे देख कर सुखलाल की हालत का साफ अन्दाजा लगाया जा सकता है कि वो किस तरह अपना और अपने परिवार का पेट भर रहा था।
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गांव वालों ने बताया कि सुखलाल की हालत बहुत ही खराब थी। उसके पास कई दिनों से खाने के लिए कुछ भी नहीं था। जिसके कारण गांव वाले उसकी कुछ मदद कर देते थे, लेकिन गांव में अन्य लोगों के हालात भी सुखलाल से अलग नहीं हैं। सुखलाल की जब मृत्यु हुई तो उसका शव एक सड़क के किनारे पर लावारिस ही पड़ा हुआ था। जिसके बाद जब इस बात का पता पुलिस को लगा तो उन्होंने शव को अपने कब्जे में ले लिया। उसके बाद जब शव की शिनाख्त की गई तो पता चला कि यह शव सुखलाल नाम के व्यक्ति का है। शिनाख्त में उसकी जेब से पुलिस को सूखी रोटियां भी मिलीं। पुलिस का मानना है कि सुखलाल की मौत बीमारी या भूख के कारण हो सकती है।
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सुखलाल के परिजनों ने बताया कि वो एक किसान था तथा उसके पास दो एकड़ जमीन है। जिस पर खेती कर वो अपने परिवार का पेट भर रहा था, लेकिन सूखे के कारण उसकी सारी खेती चौपट हो गई थी। पूरा परिवार सड़क पर आ गया है। परिवार के पास खाने के लिए कुछ नहीं बचा। वहीं इस मामले पर उप जिलाधिकारी सदर का यह मानना है कि भूख के कारण मौत की बात बुनियाद है।
आपको बता दें कि बीते दिनों बांदा में भी भूख से ही एक दलित की मौत हो चुकी है। इन सब स्थितियों को देखते हुए सरकार के बड़े-बड़े दावे और तमाम योजनाओं का कोई मतलब नज़र नहीं आता।