आगरा के एक स्कूल में 8वीं क्लास में पढ़ रहे एक छात्र को एक करोड़ रुपए के भुगतान का कानूनी नोटिस भेजा गया है और बच्चे के द्वारा इस तरह का नोटिस भेजे जानें का सबसे बड़ा कारण बच्चे के फेल होने का वजह बताई जा रही है।
स्कूल के द्वारा बच्चे को कक्षा 8वीं में फेल कर दिया गया था जिस पर पिता ने इसके फेल होने की वजह पूछी, लेकिन स्कूल ने कोई वजह नहीं बताई इसलिए बच्चे के पिता ने स्कूल को नोटिस भेज दिया साथ ही पैसे मांगे जाने का आरोप भी लगाया था जिसके बाद नाराज स्कूल प्रशासन ने अपनी संस्था की प्रतिष्ठा को बदनाम करने का आरोप लगाते हुए छात्र को 1 करोड़ का नोटिस भेज दिया।
इस शिकायती पत्र को देख संयुक्त निदेशक शिक्षा में स्कूल के प्रिंसिपल से इस बारे में रिपोर्ट मांगी। जिस पर स्कूल ने इस रिपोर्ट के बारे में शिक्षा विभाग को कोई जबाब नहीं दिया तो उन्होंने स्कूल को एक नोटिस भिजवा दिया। इस नोटिस में छात्र के पिता ने आरोप लगाया कि स्कूल के अधिकारियों और वहां के स्टाफ का उनके बेटे के प्रति पक्षपातपूर्ण रवैया था और इसके लिये वो हमेशा पैसे की मांग करते रहे है। इसके अलावा उन्हे धमकी भी दी गई थी जिसमें उन्हे बताया गया था कि आपके बच्चे को कक्षा 8वीं की परीक्षा में बैठने नहीं दिया जायेगा या फिर फेल कर दिया जायेगा।
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छात्र के वकील ने इस नोटिस में उन तमाम सुर्कलर और कानून का हवाला दिया है जिसमें कहा गया है कि शिक्षा के अधिनियम के अनुसार 8वीं तक के किसी भी छात्र को फेल नहीं किया जा सकता। यदि स्कूल प्रबंधन ने ऐसा किया है तो उन्हें इसके कारण बताने होंगे। जिस पर स्कूल मैनेजमेंट ने इस नोटिस के जबाब में छात्र को एक करोड़ रुपये के भुगतान का नोटिस भेज दिया जिसमें लिखा गया कि जो कुछ संस्था का नुकसान हुआ है उसकी भरपाई करने के लिये एक करोड़ रुपये अदा किए जाएं या फिर बिना शर्त माफी मांगते हुए नोटिस में लगाए गए आरोप को वापस ले लिया जाये।