नवजात बच्ची को तीसरी मंजिल से नीचे फेंका

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आज के दौर में जहां केंद्र सरकार तथा अन्य राज्य सरकारें लड़कियों को बचाने के लिए विभिन्न कार्यक्रम चला रही हैं, वहीं एक नवजात बच्ची को जन्म के कुछ समय बाद ही घर से बाहर फेंकने के इस मामले ने सोशल मीडिया पर काफी तूल पकड़ लिया है। आज के दौर में लड़कियों के लिए सरकारें वैसे तो कई प्रकार की योजनाएं चला रही है, पर आम जनता में कई ऐसे लोग भी हैं जो लड़कियों से आज भी दूरी बनाकर रखते हैं। हालही में एक ऐसा मामला सामने आया है जसके कारण सोशल मीडिया पर काफी तूफान आ गया है।

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यह मामला इंदौर के आजाद नगर थाना क्षेत्र का है, यहां पर एक नवजात बच्ची को जन्म के महज 1 घंटे बाद ही घर की तीसरी मंजिल से नीचे की ओर फेंक दिया गया। जिसके कारण आसपास रह रहें बहुत से लोगों ने इस घटना पर हंगामा किया। खबर के अनुसार कमला नगर स्थित फूलचंद झा के घर की तीसरी मंजिल से एक कपड़ों की गठरी नीचे की ओर फेंकी गई थी और पड़ोसियों ने जब गठरी को खोल कर देखा तो उसमें एक नवजात बच्ची थी। आसपास रह रहें लोगों ने इस बात की जानकारी पुलिस को दी, जिसके बाद में पुलिस भी इस घटना की छानबीन करने घटनास्थल पर आ पहुंची। पुलिस के आने की खबर जैसे ही फूलचंद के परिवार के लोगों को हुई, तो फूलचंद की पत्नी सरोज घर से बाहर आई और उस बच्ची को अपनी पोती बता कर घर के अंदर ले गई। इसके बाद में इस बच्ची को चोइथराम अस्पताल में ले जाकर भर्ती कराया गया, जहां पर उसकी हालात गंभीर बनी हुई है। जानकरी एक लिए आपको हम बता दें कि फूलचंद के लड़के प्रशांत की पत्नी ने ही उस बच्ची को जन्म दिया था। इस घटना के बारे में फूलचंद का कहना है कि “बहू मोटी है। कल उसे पेट दर्द हुआ तो डॉक्टर को दिखाया। डॉक्टर ने बताया वह गर्भवती है और जल्द ही डिलिवरी होने वाली है। वे खुशी-खुशी उसे घर ले आए। उसे अस्पताल ले जाने की तैयारी कर रहें थे, तभी बहू ने तीसरी मंजिल स्थित बाथरूम में खुद को बंद कर लिया। काफी देर तक दरवाजा नहीं खुला तो पास में रहने वाली दाई को बुलाकर दरवाजा तोड़ा गया। भीतर बहू और जन्मी बच्ची फर्श पर पड़ी थी। उसने खून सने कपड़ों की गठरी बनाकर खिड़की से नीचे फेंक दी थी। वहीं बच्ची को नहीं फेंका गया था, बच्ची जन्म के दौरान फर्श पर गिर गई, जिससे उसे चोट आई।”, खैर अब पुलिस इस घटना की छानबीन कर रही है।

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किसी भी लेखक का संसार उसके विचार होते है, जिन्हे वो कागज़ पर कलम के माध्यम से प्रगट करता है। मुझे पढ़ना ही मुझे जानना है। श्री= [प्रेम,शांति, ऐश्वर्यता]

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