ओटा बंगा नामक इस शख्स से टिकट लेकर मिलने आते थे लोग, जानें इसकी खूबी को

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आपने टिकट लेकर फिल्में, सर्कस या अन्य शो देखें होंगे, पर आज हम आपको जिस शख्स के बारे में जानकारी दे रहें हैं, उसको देखने के लिए लोग टिकट लिया करते थे। जी हां, इस शख्स की खासियत यही थी कि आज से 80 वर्ष पूर्व इसको देखने के लिए लोग टिकट लिया करते थे। इस शख्स से मिलने के लिए लोग बहुत उतावले रहते थे। हम आज आपको इस शख्स के बारे में ही बता रहें हैं। आपको बता दें कि इस शख्स का नाम “ओटा बंगा” था और यह शख्स अफ्रीका के कांगो का निवासी था। इस शख्स का सारा जीवन दुख और दर्द में कटा था। आइए अब आपको विस्तार से बताते हैं इस शख्स के बारे में।

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बात उस समय की है जब ओटा बंगा अफ्रीका में परिवार के साथ ही रहता था। एक दिन वह जंगल में शिकार के लिए गया हुआ था। उस दिन इसके परिवार पर अरेबिक लोगों ने हमला कर दिया और परिवार के सभी सदस्यों को मार दिया। ओटा बंगा जंगल में था, इसलिए बच गया, पर बाद में उन्होंने इसको पकड़ लिया और अपना गुलाम बना लिया। वे लोग इसको गांव से दूर ले गए और इससे एक मजदूर की तरह कार्य करवाया।

मेरिकन बिजनेसमैन सैम्युल वर्नर की नजर ओटा बंगा पर 1904 में पड़ी, तब वे इसको खरीद कर अपने साथ अमेरिका ले गए। सैंट लुइस के वर्ल्ड फेयर पर अमेरिका में ओटा बंगा को सभी के सामने लाया गया। इसको देखने के लिए टिकट की व्यवस्था की गई थी इसलिए बड़ी संख्या में लोगों ने इसको देखने के लिए टिकट खरीदे। ओटा बंगा दूसरे अफ्रीकन लोगों के साथ में नाच दिखाता था, साथ ही वह अपने दांत भी लोगों को दिखाता था। ओटा बंगा के नाच तथा दांत देखने के लिए लोग टिकट लेते थे।

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इस उत्सव के समाप्त होने के बाद में ओटा बंगा अपने देश अफ्रीका लौट गया। वहां उसने शादी की, पर यह शादी ज्यादा दिन तक न चल सकी। ओटा बंगा की पत्नी को सांप ने काट लिया, जिसके बाद उसकी मौत हो गई थी। इस घटना के बाद में ओटा बंगा फिर से अमेरिका में आ गया। यहां उसने फिर से किसी के साथ मिलकर अपना प्रोग्राम किया, पर सही पैसे न मिलने पर उसने काम को छोड़ दिया।

इसके बाद में ओटा बंगा तंबाकू के खेतों तथा चिड़िया घर में भी काम किया। अब तक ओटा बंगा काफी परेशान हो चुका था, इसलिए उसने अपने देश में वापस लौटने के बारे में सोचा, पर दूसरा विश्व युद्ध शुरू होने के बाद में वह अपने देश नहीं जा पाया, इसलिए अंत में परेशान होकर उसने खुद को गोली मार ली थी।

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किसी भी लेखक का संसार उसके विचार होते है, जिन्हे वो कागज़ पर कलम के माध्यम से प्रगट करता है। मुझे पढ़ना ही मुझे जानना है। श्री= [प्रेम,शांति, ऐश्वर्यता]

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