इंग्लिश देवी का मंदिर, यहां है अंग्रेजी की देवी की प्रतिमा

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आपने बहुत से देवी देवताओं के मंदिर देखें हो होंगे पर क्या आपने कभी “इंग्लिश देवी” का मंदिर देखा है। आज हम आपको इसी मंदिर के बारे में बता रहें हैं। यह मंदिर “इंग्लिश देवी” को समर्पित है। आज के समय में सभी लोग इंग्लिश भाषा को फर्राटेदार तरीके से बोलना चाहते हैं। जो ऐसा नहीं कर पाते वे अपने बच्चों का प्रवेश बड़े इंग्लिश स्कूलों में कराते हैं ताकी उनके बच्चे अंग्रेजी भाषा में अच्छे रहें लेकिन अपने देश के एक गांव के लोग बच्चों को स्कूल में ले जानें से पहले इंग्लिश देवी के मंदिर में ले जाते हैं। इस मंदिर के संबंध मान्यता यह है की यहां दर्शन करने के बाद अंग्रेजी भाषा आसानी से समझ में आ जाती है। आज हम आपको इसी मंदिर के बारे में यहां जानकारी दे रहें हैं।

उत्तर प्रदेश में स्थित है यह मंदिर –

उत्तर प्रदेश में स्थित है यह मंदिरImage source:

आपको बता दें की यह मंदिर उत्तर प्रदेश के जिले लखीमपुर खीरी के अंतर्गत आने वाले बनका गांव में है। इस मंदिर में इंग्लिश देवी की जो प्रतिमा स्थापित है। वह किसी विदेशी मेम की तरह से ही है। प्रतिमा के एक हाथ में कलम तथा दूसरे में किताब है। यह प्रतिमा पीतल धातु से निर्मित है तथा करीब 20 किग्रा की है। इस प्रतिमा को ध्यान से देखने पर यह पता लगता है की इसको अमेरिका के “लिबर्टी ऑफ़ स्टेचू” की छबि में निर्मित किया गया है। प्रतिमा के नीचले हिस्से पर एक धम्म चक्र भी बना हुआ है।

इस कारण बना था यह मंदिर –

इस कारण बना था यह मंदिरImage source:

आपको बता दें की इंग्लिश देवी का मंदिर 2010 में निर्मित किया गया था। मंदिर में इंग्लिश देवी की प्रतिमा को एक दलित नेता ने स्थापित किया था। इस क्षेत्र के स्थानीय लोगों का मानना है की बाबा साहेब भीम राव रामजी आंबेडकर ने अंग्रेजी भाषा की शिक्षा पर काफी जोर दिया था। वे अंग्रेजी भाषा को उन्नति का कारक मानते थे और इसलिए ही यहां के लोगों ने मंदिर में इंग्लिश देवी की प्रतिमा को लगाया हुआ है।

लोगों का यह भी मानना है की आज के समय में विकास के लिए अंग्रेजी भाषा का ज्ञान आवश्यक है। बहुत से अपने बच्चे का एडमिशन अच्छे स्कूल में कराने के लिए यहां मन्नत भी मांगते हैं। इसके अलावा कई लोग बच्चों को स्कूल में जानें से पहले यहां दर्शन कराने के लिए आते हैं। इस गांव के अलावा आसपास के गांव के लोग भी इस मंदिर में दर्शन करने के लिए आते हैं।

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किसी भी लेखक का संसार उसके विचार होते है, जिन्हे वो कागज़ पर कलम के माध्यम से प्रगट करता है। मुझे पढ़ना ही मुझे जानना है। श्री= [प्रेम,शांति, ऐश्वर्यता]

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