महारानी पद्मावती से ये जुड़ी ये बाते आपको उनकी आने वाली फिल्म में नहीं मिलेंगी, जानिए इन तथ्यों को

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पद्मावती फिल्म की रिलीजिंग डेट 1 दिसम्बर 2017 हैं। यह फिल्म अपने मेकिंग के समय से ही विवादों में घिरी हुई हैं। इस फिल्म को निर्देशक संजय लीला भंसाली ने बनाया हैं।

वर्तमान में यह फिल्म एक विवादित और चर्चित फिल्म बन चुकी हैं। इस फिल्म को लेकर बहुत से संघठनो ने आपत्ति दर्ज कराई हैं। आज हम आपको इस फिल्म के बारे में नहीं बल्कि पद्मावती के उस असल इतिहास के बारे में बता रहें हैं जो आपको फिल्म में भी देखने को नहीं मिलेगा।

1- रानी पद्मावती का जन्म सिंहल द्वीप पर हुआ था। आपको बता दें कि सिंहल द्वीप सीलोन में हैं जो वर्तमान में श्रीलंका कहलाता हैं। इस हिसाब से वह श्रीलंका की राजकुमारी थी।

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2 – कई लोगों ने पद्मावती को एक काल्पनिक पात्र बताया हैं पर मलिक मोहम्मद जायसी के ग्रन्थ ‘पद्मावत’ का अध्ययन करने पर यह तथ्य सही नहीं बैठता। उस ग्रन्थ में रानी पद्मावती को चित्तौरगढ़ की रानी के रूप में वर्णित किया गया हैं।

3- पद्मावती का विवाह मेवाड़ के महाराज रावल रतन सिंह से हुआ था, पर कम लोग ही जानते हैं कि पद्मावती से पहले भी रावल रतन सिंह की कई अन्य पत्नियां थी।

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4- कहा जाता हैं कि पद्मावती तोते से बात करने का हुनर रखती थीं। ऐसा ऐतिहासिक वर्णन मिलता हैं कि वे एक तोते से बात करती थी और उस तोते का नाम “हरी मनि” था।

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5 – माना जाता हैं कि महाराज रावल रतन सिंह ने अपने राज पुरोहित राघव चैतन्य को किसी बात पर बेइज्जत कर दरबार से बाहर कर दिया था। इसी बात का बदला लेने के लिए राधव चैतन्य ने खिजली के समक्ष पद्मावती की खूब तारीफ की और जिस कारण खिजली ने पद्मावती को पाने के लिए मेवाड़ पर आक्रमण कर दिया।

इस युद्ध में रावल रतन सिंह की मृत्यु हो गई तथा पद्मावती ने भी जौहर की आग में कूद कर अपनी जान दे दी थी। हालांकि पद्मावती को लेकर अलग अलग लोगों के अपने अपने विचार हैं, पर इन सब के बीच यह बात तो सच हैं कि पद्मावती का इतिहास उनके शौर्य और प्रेम की निशानी हैं जिसको कभी नहीं मिटाया जा सकता।

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किसी भी लेखक का संसार उसके विचार होते है, जिन्हे वो कागज़ पर कलम के माध्यम से प्रगट करता है। मुझे पढ़ना ही मुझे जानना है। श्री= [प्रेम,शांति, ऐश्वर्यता]

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