जिस प्रकार से दुनियाभर के मुस्लिमों को रमजान के बाद ईद का इंतजार रहता है, उसी प्रकार से पवित्र “हज यात्रा” का भी सभी को बेसब्री से इतंजार होता है, पर एक मुस्लिम देश ऐसा भी जहां के लोग न तो हज को जा सकते हैं और न ही वहां की कोई रस्म निभा सकते हैं। जी हां, यह सच है, हालांकि यह आपको अजीब लगेगा, क्योंकि दुनिया के सभी मुस्लिम देशों के लोग हज की पवित्र यात्रा का इंतजार तहे दिल से करते हैं और अपने जीवन में कम से कम एक बार हज यात्रा करना चाहते हैं, पर आज हम आपको एक ऐसे मुस्लिम देश से यहां मिलवा रहें हैं, जिसका कोई भी व्यक्ति इस बार हज यात्रा पर नहीं जाएगा। आइए जानते हैं इस देश और इसके लोगों द्वारा हज न जानें के कारण को।
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हज यात्रा पर न जानें वाले इस देश का नाम “ईरान” है, असल में पिछले वर्ष सऊदी में हज यात्रा के दौरान हुई दुर्घटना में बहुत से लोग ईरान के भी थे, जो की वहीं मर गए थे तथा बहुत से गंभीर रूप से घायल भी हो गए थे। इस बात को मद्देनजर रखते हुए ईरान ने इस बार हज यात्रा पर अपने नागरिकों को भेजने के लिए सऊदी सरकार से यह अनुमति मांगी थी कि वह अपने नागरिकों के हितों को ध्यान में रखते हुए अपने राजनायिकों को उनके साथ भेजेंगे, पर सऊदी सरकार ने ईरान की इस पेशकश को खारिज कर दिया। जिसके बाद में ईरान और सऊदी सरकार के बीच वैचारिक मतभेद उत्पन्न हो गया है और अब ईरान ने अपने नागरिकों की हज यात्रा पर पाबंदी लगा दी है।
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इस कारण इस वर्ष हज की पवित्र यात्रा पर ईरान से कोई यात्री नहीं जा पाएगा। इससे पहले भी जब सऊदी में शिया धर्मगुरु निम्र अल निम्र को फांसी दी गई थी, तो ईरान ने इस पर अपना विरोध प्रकट किया था और ईरान के प्रदर्शकारियों ने सऊदी के दूतावास में आग लगा दी थी। जिसके बाद में दोनों देशों के राजनायिक रिश्ते लगभग खत्म ही हो चुके थे। आपको यहां हम यह बता दें कि ईरान एक शिया बाहुल्य देश है तथा सऊदी अरब एक सुन्नी बाहुल्य देश, इसलिए दोनों में वैचारिक मतभेद हमेशा बना ही रहता है। खैर, इस बार ईरान सरकार ने अपने देश के लोगों की हज यात्रा पर प्रतिबंध लगा दिया है, जिसके कारण अब ईरान का कोई भी व्यक्ति इस वर्ष हज नहीं जा सकेगा।