देखा जाए तो अपने देश में बहुत से ऐसे स्थान हैं जहां पर लोग अपनी इबादत या उपासना करते हैं, ये सारे स्थान किसी मंदिर, किसी मस्जिद या किसी दरगाह के रूप में काफी संख्या में मौजूद है और प्रत्येक स्थान अपनी किसी न किसी खूबी के लिए जन साधारण में प्रसिद्द भी है। ऐसी ही एक दरगाह के बारे में हम आपको आज बता रहें हैं जिसका नाम है नौगजा पीर, यह दरगाह वर्तमान में हिन्दू और मुस्लिम दोनों ही समाज की आस्था का केंद्र बहुत समय पहले से रही है। नौगजा पीर की यह दरगाह पंजाब-हरियाणा बोर्डर पर स्थिर शाहबाद कस्बे के पास हाइवे नंबर 1 पर बनी हुई है। ऐसा कहा जाता है की पीर नौगजा जी शाहबाद में 500 A.D. के समय में रहते थे और उनकी लम्बाई 9 गज़ की थी इसलिए ही इस कब्र की लम्बाई भी 9 गज़ की है।
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ये 2 वजह हैं इस दरगाह की प्रसिद्धी की –
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इस दरगाह के प्रसिद्ध होने की 2 वजह हैं, एक तो ये की यह हिन्दू-मुस्लिम दोनों ही धर्मों में एकता का प्रतीक है, यहां पर आपको एक और दरगाह की जारत मिलती है तो दूसरी और भगवान शिव का मंदिर भी बना हुआ है इसलिए यह हिन्दू और मुस्लिम दोनों धर्मो के लोगों में श्रद्धा का प्रतीक है और दूसरी बात यह है की इस दरगाह में जो भी श्रद्धालु लोग आते हैं वे चढ़ावे में चढ़ाने के लिए घड़ियां लाते हैं। आप कभी यहां जाएंगे तो आपको यहां पर बहुत साड़ी घड़ियां करीने से सजी हुई देखने को मिलेंगी।
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इस दरगाह के बारे में लोगों की क्या मान्यता है यह तो साफ पता नहीं चल पाता पर ऐसा कहा जाता है कि दरगाह क्योंकि हाइवे के किनारे ही बनी है इसलिए लोग यहां रूक कर अपनी सुरक्षित यात्रा के बारे में ही प्रार्थना करते हैं और सफल यात्रा के बाद में यहां पर घड़ी चढ़ाते हैं। इस मजार की जिम्मेदार रेडक्रॉस को दी हुई है और यहां पर इतनी ज्यादा घड़ियां चढ़ाई जाती हैं की उनको मार्केट में बेचना पड़ता है।