1300 साल पुराना एक पत्थर, जिसे 7 हाथी भी नहीं हिला पाए

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भारत किस्से और कहानियों का देश है। यहां की लगभग हर जगह के बारे में आपको रोचक और अद्भुत लगने वाली कहानियां सुनने को मिल जाएंगी। कई बार यह कहानियां इतनी सच्ची लगती हैं कि मन चमत्कारों पर भी यकीन करने लगता है, लेकिन कुछ चीज़ें ऐसी भी होती हैं जिन पर यकीन करने के लिए किसी परिमाण की जरूरत नहीं होती। वह अपने आप में ही एक परिमाण होती हैं।

mystery-boulder3_14603571Image Source :http://i9.dainikbhaskar.com/

कुदरत का एक ऐसा ही अचंभे में डालने वाला करिश्मा देखने को मिलता है दक्षिण भारत के महाबलिपुरम में। यहां एक ऐसा अद्भुत पत्थर है जो 45 डिग्री के कोण पर एक चट्टान के ऊपर नीचे की ओर झुका हुआ है और वो भी बिना किसी सहारे के। इस चमत्कारी पत्थर के बारे में यहां के लोगों का मानना है कि इस पत्थर को यहां खुद भगवान ने रखा है, जबकि कुछ ऐसा भी मानते हैं कि किसी दूसरी दुनिया के परग्रही इसे यहां पर लाए थे। माना जाता है कि यह लगभग 1300 वर्षों से इस जगह पर टिका है। बताया जाता है कि इस पत्थर का वजन लगभग दो लाख 26 हज़ार किलो है और यह करीब 20 फीट ऊंचा है। इसे देखने पर ऐसा प्रतीत होता है कि यह किसी भी समय नीचे गिर सकता है, लेकिन ऐसा कभी भी नहीं हुआ। पर्यटक इस पत्थर के पास जाकर बड़े शौक से फोटो खिंचवाते हैं। इस पत्थर को वानिराय कल या कृष्णा बटर बॉल भी कहा जाता है।

mystery-boulder18_1460357Image Source :http://i9.dainikbhaskar.com/

7 हाथियों से हो चुकी है इस पत्थर को खिसकाने की कोशिश

ऐसा बताया जाता है कि साल 1908 में मद्रास के एक गवर्नर आर्थर लॉली ने इसे खिसकाने के लिए 7 हाथियों की सहायता ली थी, लेकिन काफी कोशिशों के बाद भी वह इस काम में असफल ही रहा। अगर जिओलॉजिस्ट्स की बात मानें तो वह इस पत्थर की बनावट को प्राकृतिक मानते हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार ऐसा लिखा गया है कि पत्थर की यह स्थिति ग्रेविटी को चुनौती देने जैसा काम करती है, लेकिन अगर स्थानीय मान्यताओं की बात करें तो भगवान ने अपने होने का प्रमाण देने के लिए इस पत्थर को स्वयं ही यहां रखा है।

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