कोलकाता में स्थित सोनागाछी को भारत का ही नहीं बल्कि एशिया का सबसे बड़ा रेड लाइट एरिया कहा जाता है। इस रेड लाइट एरिया के बारे में हम आपको हाल ही में पूरी जानकारी दे भी चुके हैं, पर आज हम आपको बता रहे हैं सोनागाछी के अलावा अपने देश के 5 सबसे बड़े रेड लाइट एरिया के बारे में। जानिए क्या हैं यहां के हालात-
1- कमाठीपुरा, मुंबई
कमाठीपुरा, मुंबई में स्थित है। इसको भारत का ही नहीं बल्कि एशिया के काफी बड़े रेड लाइट एरियाज में गिना जाता है। यह मुंबई का सबसे पुराना रेड लाइट एरिया कहा जाता है। 1992 में इस एरिया में सेक्स वर्कर्स की संख्या 50 हज़ार थी, पर 2009 में यह आंकड़ा 16 हज़ार पर पहुंच गया। कहा जाता है कि इस एरिया में जगह कम होने की वजह से बहुत सी सेक्स वर्कर्स दूसरे एरिया में भी जा चुकी हैं।
Image Source :http://i9.dainikbhaskar.com/
2- बुधवार पेठ, पुणे-
माना जाता है कि यहां पर सेक्स वर्कर्स की संख्या करीब 5 हज़ार है। हालांकि इस एरिया को किताबों और इलेक्ट्रिक सामान का मार्केट माना जाता है। 2005 की एक रिपोर्ट को मानें तो यहां पर करीब 440 कोठे हैं और करीब 5 हजार सेक्स वर्कर्स काम करती हैं।
Image Source :http://i9.dainikbhaskar.com/
3- मीरगंज, इलाहाबाद-
इस एरिया को अभी तक आई कई रिपोर्ट्स में लड़कियों के अवैध खरीद फरोख्त और जबरन वेश्यावृत्ति के लिए बदनाम बताया गया है। कुछ लोग इस एरिया को खतरनाक मानते हैं क्योंकि यहां पर लूटपाट की घटनाएं भी होती रहती हैं। खास बात यह है कि मीरगंज को देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के जन्म स्थान के तौर पर भी जाना जाता है।
Image Source :http://i9.dainikbhaskar.com/
4- जीबी रोड, दिल्ली-
सेन्ट्रल दिल्ली में स्थित यह इलाका बहुत चर्चित है। यहां पर हार्डवेयर की बहुत सी दुकानें भी हैं। इन दुकानों पर ऊपर बने कमरों में सेक्स वर्कर्स काम करती हैं और इन कमरों को अलग-अलग नम्बर्स भी दिए गए हैं। कुछ कमरों में सेक्स वर्कर्स के साथ गाने-बजाने वाले लोग भी रहते हैं जो की यहां आने वालों का मनोरंजन करते हैं।
Image Source :http://i9.dainikbhaskar.com/
5- शिवदासपुर, वाराणसी-
पुराने ज़माने से ही बनारस को “तवायफ कल्चर” के लिए जाना जाता है। पहले इस एरिया की गिनती टॉप रेड लाइट एरियाज में होती थी, पर अब यहां पर काफी कम सेक्स वर्कर्स रह गई हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार यह इलाका सरकार के प्रयास के कुछ समय पहले ही फर्स्ट ‘चाइल्ड प्रॉस्टीट्यूशन फ्री’ एरिया बनने में कामयाब रहा है।