दुनिया के इस सबसे पहले ताजमहल में दफन हैं 150 से ज्यादा इंसान, जानें इसके बारे में

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वैसे तो अपने देश में बहुत से मकबरे हैं, जिनमें से ताजमहल से लेकर कई अन्य खूबसूरत मकबरे भी हैं, पर आज हम आपको उस खूबसूरत मकबरे के बारे में बताने जा रहें हैं, जिसमें 150 से ज्यादा लोग आज भी दफ़न हैं और हजारों लोग यहां रोज घूमने के लिए आते हैं। जी हां, यह सच है कि आज हम आपको जिस मकबरे के बारे में जानकारी देने जा रहें हैं, वहां पर 150 से ज्यादा लोग दफन है, पर इस जगह पर घूमने के लिए आज भी हजारों लोग आते हैं। आपको हम यह भी बता दें कि इस मकबरे को दुनिया का सबसे पहला ताजमहज कहा जाता है, क्योंकि वर्तमान का आगरा का ताजमहल भी इसी की कलात्मकता को लेकर बनाया गया था।

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इसके अलावा यह मकबरा भारतीय उपमहाद्वीप का सबसे पहला मकबरा भी है, आइए जानते हैं इस मकबरे के बारे में।
यह मकबरा दिल्ली में स्थित है और इस मकबरे का नाम “हुमांयू का मकबरा” है। इस मकबरे का खांका एक पारसी आर्किटेक्ट ने शहंशाह हुमांयू की बेगम “हमीदा बानो बेगम” के कहने पर तैयार किया था। आपको हम यह भी बता दें कि इस मकबरे में मुगल शासकों के परिजनों की कब्रें भी बनी हुई है, जो की 150 से भी ज्यादा की संख्या में हैं। इसमें हुमांयू का मकबरा भी शामिल है और ये सभी कब्रे हुमायूं के मकबरे के सामने स्थित पार्क में बनी हैं। इस प्रकार से यह मकबरा अपने में बहुत लोगों को समेटे हुआ है, पर इसकी वास्तु कला तथा कलात्मकता को देखने के लिए आज भी हजारों लोग यहां आते हैं।

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