यह आश्चर्य की ही बात है कि एक तीन एकड़ में फैले 12 साल पुराने तालाब का पानी अचानक रातों रात गायब जाए। वहीं, इस तालाब के पास स्थित अन्य तालाबों में अभी भी पानी है। जी हां, ऐसा हुआ है छत्तीसगढ़ राज्य की राजधानी रायपुर के जिले बलौदाबाजार के मानिकपुर गांव में। यहां एक तालाब का पानी अचानक एकाएक सूख कर गायब हो गया है। इस घटना से गांव वाले सकते में हैं कि कहीं इस तरह से दूसरे तालाब का पानी भी न सूख जाये।
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आखिर कहां गया पानी –
जियोलॉजी एक्सपर्ट्स इस पहेली को सुलझाने के लिए नए-नए कयास लगा रहे हैं। उनका कहना है कि पानी कहां चला गया है इस बात का पता लगाने के लिए तालाब के गड्ढे में रंग डालना होगा। यह रंग आस-पास के किसी अन्य जल स्तोत्र के पानी से निकलेगा। इससे पता लगेगा कि पानी यहां से गायब होकर किस जल स्तोत्र में चला गया है।
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क्या कयास लग रहे हैं –
जियोलॉजी एक्सपर्ट्स का कहना है कि यहां की जमीन में चूना और पत्थर है। यह पानी में घुल गए होंगे और पानी इसमें से अपना रास्ता बना कर जमीन के अंदर समा गया होगा। जियोलॉजी एक्सपर्ट्स का कहना है कि चूंकि यह तालाब तक़रीबन 12 साल पुराना और 3 एकड़ में फैला है इसलिए इस प्रकार पानी का चूने में घुल कर किसी भूमिगत गड्ढे में समा जाना ही संभव हो सकता है।
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चूना पत्थर के इलाकों में होती है ऐसी घटना –
प्रोफेसर डॉ. निनाद बोधनकर, जो कि रविशंकर यूनिवर्सिटी में जियोलॉजी डिपार्टमेंट के प्रमुख हैं, उन्होंने बताया कि इस प्रकार की घटनाओं को कार्स्ट कैप्चर कहा जाता है। इस प्रकार की घटनाएं चूना-पत्थर वाले क्षेत्रों में होना आम बात है। हालांकि चूना-पत्थर सॉलिड होता है, पर पानी में इसके घुलने से ही यह कार्स्ट कैप्चर का कारण बनता है। कार्स्ट कैप्चर की इस घटना की वजह से नदियों, तालाबों का पानी गड्ढों के जरिये गायब हो जाना आम बात है।