आपने ये कहावत तो सुनी ही होगी कि- “ खुदी को कर बुलंद इतना कि हर तकदीर से पहले खुदा बंदे से खुद पूछे बता तेरी रज़ा क्या है” आज हम आपको ऐसे ही हिम्मत और जज्बे की मिसाल बने एक लड़के की कहानी बताने जा रहे हैं। इस युवक ने तमाम पारिवारिक समस्याएं होने के बावजूद भी हार नहीं मानी। अपने सपने को पूरा करने के लिए उसने पान की दुकान तक पर काम किया और आज एमबीबीएस की डिग्री मिलने के बाद वह बन गया है डॉक्टर। इस शख्स का नाम भरत साहू है। भरत का परिवार रायपुर के बिलासपुर में जूना के गांधी चौक इलाके में रहता है।
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लाख रोके आंधियां, चाहे आए लाख तूफान, लेकिन तुम रुको नहीं, बढ़े चलो-बढ़े चलो। जब कोई इंसान कुछ करने की ठानता है तो उसे रोकने के लिए कई तरह की समस्याएं भी खड़ी हो जाती हैं। ये किसी ना किसी परेशानी के रूप में उसके लिए रोड़ा बनती हैं, लेकिन भरत साहू ने जो ठाना वो किया। रायपुर मेडिकल कॉलेज के छात्र भरत साहू ने तमाम तकलीफों और गरीबी से जूझते रहने के बावजूद भी एमबीबीएस की अपनी पढ़ाई पूरी की। डिग्री मिलने के बाद फिलहाल भरत इंटर्नशिप कर रहे हैं। किसी समय में अपने परिवार की सहायता करने के लिए भरत ने पान की दुकान पर भी काम किया है।
भरत की पर्सनैलिटी और टैलेंट के कॉलेज के दोस्तों से लेकर प्रोफेसर तक कायल थे। वह साल 2014-15 के छात्र संघ चुनाव में प्रेसिडेंट भी चुने गये थे।
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ऐसा माना जाता है कि हर सफल इंसान के पीछे किसी ना किसी का हाथ होता है जो उसे आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करता है। ऐसा ही एक हाथ भरत साहू के पिता का उनके पीछे था। भरत ने स्कॉलरशिप से अपनी 10वीं और 12वीं की पढ़ाई को पूरा किया। बॉयोलॉजी से 12वीं में वह स्टेट टॉपर रहे। इसके बाद उन्हें वॉर्ड ब्वॉय की नौकरी भी मिल गई, लेकिन उनके पिता ने वो नौकरी छुड़वा दी और पीएमटी की तैयारी के लिए बोला। जिसको पिता का सपोर्ट पाकर भरत ने पास भी किया।
भरत के दो बड़े भाई हैं, जिन्होंने आर्थिक तंगी के चलते अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी। भरत को साल 2011 में अच्छी रैंकिग मिलने की बदौलत पीएमटी पास करने के बाद रायपुर के मेडिकल कॉलेज में एडमिशन मिला और 5 साल की पढ़ाई करने के बाद 29 मार्च 2016 को उन्हें वहां से एमबीबीएस की डिग्री मिल चुकी है।
जिसके साथ किसी समय में पान की दुकान चलाने वाला युवक अब बन गया है डॉक्टर। उम्मीद की जा सकती है कि उनके परिवार की समस्याएं अब जल्द दूर होंगी और उनके परिवार में खुशहाली लौटेगी।