आपको “गुलाबी गैंग” फिल्म याद ही होगी, जिसमें बहुत सी औरतें मिलकर अन्याय, अराजकता के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करती हैं और हथियार उठा लेती हैं। यह फिल्म एक असली घटना पर बनी हुई थी। यहां हम ऐसे ही एक लेडीज गैंग से आपको मिला रहे हैं जो अपने हाथ में लम्बे अरसे से हथियार उठाये हुए है, पर किसी अन्याय या अराजकता की खिलाफत के लिए नहीं बल्कि अपने देश में अशांति और अराजकता को फ़ैलाने के लिए। इस गैंग की मुखिया का नाम है – आसिया अंद्राबी।
आसिया अंद्राबी वैसे तो जम्मू-कश्मीर की रहने वाली हैं पर असल में अलगाववादी मानसिकता के कारण आसिया भारतीय सेना से इतनी नफरत करती है कि उनके कत्ल तक की बात करती रहती है। वह पिछले 35 साल से घाटी में पाकिस्तान का सपोर्ट करती है। वह पाकिस्तान का झंडा लहरा कर पहले भी चर्चा में रह चुकी है। फिलहाल हाल ही में एक नया बयान जारी कर आसिया फिर से चर्चा में आ गई हैं।
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भारत के खिलाफ आसिया की तैयारी –
आसिया का मानना है कि महिलाओं को भी भारत के खिलाफ खड़े होना चाहिए तभी कश्मीर भारत से अलग हो सकेगा। इसका सीधा-सीधा मतलब यह है कि वह कश्मीर और भारत विभाजन के विचार से सहमत है। घाटी में आसिया ने बहुत सी महिलाओं को जोड़ कर अपनी गैंग बना रखी है। जिसमें वह औरतों को तरह-तरह की तक़रीर से भारत के खिलाफ भड़काने का कार्य करती है। इससे पहले कई बार उसकी कटार लहराती फोटोज सामने आई हैं।
किस वजह से चर्चा में हैं महिला अलगाववादी?
आसिया ने न्यू ईयर के जश्न को इस्लाम के खिलाफ और आरएसएस का प्लान बताया है। उसने घाटी में युवाओं से ऐसे प्रोग्राम में शामिल न होने की अपील की है।
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22 साल से जेल में बंद है पति –
आसिया जमीयत उल मुजाहिदीन के पूर्व कमांडर आशिक हुसैन फक्तू उर्फ मोहम्मद कासिम की पत्नी है। फक्तू को ह्यूमन राइट्स वर्कर एचएन वांचू की हत्या के केस में उम्रकैद की सजा मिली हुई है। वह पिछले 22 साल से श्रीनगर जेल में बंद है। बता दें कि अलगाववाद को सपोर्ट करने के आरोप में अंद्राबी के ‘दुख्तरन-ए-मिल्लत’ पर संगठन पर साल 1990 में बैन लगाया गया था।