पीएफ अकाउंट वह होता है जिसमें आपका ऑफिस आपकी सैलरी से कुछ धनराशि काटकर आपके ही एक खाते में जमा कराता है। यह पैसा आप कभी भी निकाल सकते हैं, फिर भी कई लोग ऐसे होते हैं जो अपना पैसा पीएफ अकाउंट में नहीं डालना चाहते। इसके पीछे मुख्य कारण होता है कि पीएफ का नाम आते ही सबसे पहले लोगों के दिमाग में इसे निकालने के लिए होने वाली परेशानियां सामने आ जाती हैं। लोगों को अच्छे से पता होता है कि पीएफ का पैसा निकालना कोई आसान काम नहीं है।
हम में से बहुत से ऐसे लोग होंगे जिनका पीएफ अकाउंट में पैसा जमा होता होगा। कुछ लोग इसको निकालने के लिए जद्दोजहद कर रहे होंगे। अगर आप भी उन्हीं में से एक हैं तो यह जानकारी आपके लिए बहुत उपयोगी है।
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खबर है कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन यानि ईपीएफओ के अशंधारकों को अब पीएफ का पैसा निकालने के लिए अपनी कंपनी के चक्कर नहीं लगाने होंगे। ईपीएफओ ने पीएफ निकासी दावों के ऑनलाइन निपटान की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया है। अब अंशधारकों को कंपनी के सत्यापन के बिना ही आवेदन जमा कराने की मंजूरी दे दी गई है।
ईपीएफओ के अशंधारक अब बिना अपनी कंपनी की अटेस्टेशन के पीएफ का पैसा निकाल सकेंगे। अभी तक इसके लिए कंपनी से आवेदन प्रमाणित कराना पड़ता था, लेकिन अब पीएफ निकालने के लिए आप सीधे ईपीएफओ यानि एम्पलॉई प्रॉविडेंट फंड ऑर्गेनाइजेशन को आवेदन दे सकते हैं।
हालांकि यह सुविधा अभी उन अंशधारकों के लिए होगी जिनका यूनिवर्सल या पोर्टेबल पीएफ खाता संख्या (यूएएन) सक्रिय हो चुका है। इसके लिए बैंक खाता और आधार संख्या जैसी जानकारी दी जा चुकी है। जो कर्मचारी बिना अपनी कंपनी के अटेस्टेशन के पीएफ निकालना चाहते हैं उन्हें नए फॉर्म्स में आवदेन देना होगा।
ईपीएफओ के केंद्रीय भविष्य निधि आयुक्त केके जालान का कहना है कि निकासी दावे सीधे ईपीएफओ के यहां दाखिल करने की सुविधा से उन्हें ऐसे आवेदनों के ऑनलाइन निपटान की सुविधा शुरू करने में मदद मिलेगी। उन्हें उम्मीद है कि इसी वित्त वर्ष में वह पीएफ निकासी की ऑनलाइन सुविधा शुरू कर पाएंगे। ईपीएफओ के कार्यालयी आदेश में भी यह कहा गया है कि कर्मचारी अपने दावे फॉर्म-19, फॉर्म-आईओसी व फॉर्म 31 में दाखिल कर सकते हैं।