देश के लिए शहीद हुए कर्नल संतोष महादिक भारत की जन्मभूमि के उन सच्चे सपूतों में से एक है जिन्होंने अपनी जान की बाजी लगाते हुए जम्मू कश्मीर कुपवाड़ा में आतंकवादियों से लड़ते हुए वीर गति को प्राप्त किया और पीछे छोड़ गये अपने परिवार एवं बच्चों को, जो आज भी अपने पिता को याद करते हुए मां को दिलासा दे रहे है।
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अपने पति की शहादत को उनकी पत्नि ने ऐसे ही बर्बाद नहीं होने दिया। अंतिम विदाई के समय में ही उन्होंने पूरा मन बना लिया कि वे भी अपने पति के अधूरे सपने को पूरा करेंगी और उनके बाद उनके बच्चे इस देश की सेवा करने में आगे आएगें। 38 वर्षीय कर्नल संतोष महादिक के परिवार में उनकी दो बेटियां और उनकी पत्नी स्वाति है।
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17th नवंबर 2015 के दिन शहीद हुए कर्नल संतोष की मृत्यु के बाद उनकी पत्नी ने यही संकल्प लिया था कि वो भी आर्मी ज्वाइन कर अपने पति को सच्ची श्रद्धांजलि देंगी और आगे चल कर उनकी बेटियां भी देश की सेवा करने के लिए आर्मी ज्वाइन करेंगी। अपनी शपथ को पूरा करने के लिए स्वाति ने (SSB) के पांच राउंड पास कर चुकी है। अब वो इस समय अपनी ट्रेनिंग कर रही है।
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पति की मौत के दो महिने बाद ही स्वाति के इस अहम फैसले ने सबको हैरान कर दिया था पर परिवार के सदस्यों ने पूरा साथ देते हुए उसे प्रोत्साहित करने के लिए आगे बढ़ाया। जो वाकई एक साहसिक काम था। स्वाति ने आर्मी ज्वाइन करते समय की बाधाओं को पार करना पड़ा था। सेना में भर्ती के समय सबसे बड़ी बाधा पड़ रही थी उनकी उम्र, जिसके लिए उन्होंने जी जान एक कर दिया। आखिरकार कुछ समय बाद उन्हें अपने सपनों को साकार करने वाली मंजिल मिल गई। स्वाति के इस बुलंद फैसले ने सभी को गौरवान्वित कर दिया है। अपनी बेटी के बुंलद हौसलों को देख उनकी मां का कहना है कि पहले उनके दामाद ने हमें गौरवान्वित किया और आज हमारी बेटी देश की सेवा कर हमारा सिर ऊंचा करने के लिये निकल चुकी है। देश की सेवा करने वाले हर वीरों के साथ उनके परिवार को हमारे वाहगजब शत-शत नमन करता है। जो बिना किसी स्वार्थ के अपनी जान गवा देते है। …