नेत्रहीन माता-पिता को बच्चे के जन्म के वक्त उतनी पीढ़ा नहीं होती जितनी की उसे न देख पाने के कारण होती है। हर माता-पिता उस क्षण को महसूस करना चाहते है जब वो बच्चा मां के गर्भ में ही अपने पैर पसारने लगता है। हमारे बीच के नेत्रहीन दंपति इस सुख को नहीं भोग पाते थे लेकिन अब ऐसे दंपती जो नेत्रहीन है उनके लिए काफी अच्छी खबर है कि अब वो भी जल्द ही आने वाले बच्चे को गर्भ में ही देख ही सकेंगे और इसके लिए मदद करेगा हमारा विज्ञान… आज जहां विज्ञान ने हमें चांद धरती आकाश को दिखाने में सक्षम हुआ है। उसी प्रकार से विज्ञान की इस नई तकनीक ने नेत्रहीन लोगों में एक नई उम्मींद जगाई है।
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इस नई तकनीक के द्वारा गर्भ में पल रहे भ्रूण की 3डी तस्वीरे ली जायेगी और इसी 3डी तस्वीरों की सहायता से नेत्रहीन माता-पिता गर्भ में पल रहे बच्चे को देख सकेंगे। यह तकनीक ठीक उसी तरह से है जिस तरह से अल्ट्रासाउंड स्कैनिंग में गर्भ में रहने वाला बच्चा स्क्रीन पर दिखाई देता है। पोलैंड के एक फर्म के द्वारा तैयार की गई यह तकनीक काफी अच्छी है। नेत्रहीन माता पिता के लिए यह एक सुखद एहसास वाला पल होगा।
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जिसकी सहायता से वो गर्भ में पल रहे भ्रूण को देख सकेंगे। अल्ट्रासाउंड स्कैनिंग से ली जाने वाली तस्वीरों को नॉन-टॉक्सिक बायोप्लास्टिक के द्वारा प्रिंट कराया जाएंगा और ये तस्वीरें गर्भस्थ बच्चे की असली 3डी तस्वीर होगी। बच्चे की तस्वीर के साथ-साथ मां के गर्भ की भी तस्वीर को दिखाया जाएगा। इसमें गर्भ में पल रहे बच्चे का आकार और उसकी लंबाई-चौड़ाई का भी पूरा ध्यान रखा गया हैं। यह प्रॉजेक्ट जल्द ही अब अन्य देशों में लाया जायेगा।