कोलकाता में गुरुवार दोपहर निर्माणाधीन पुल का एक हिस्सा अचानक गिरने से करीब 15 लोगों की मौत हो गई है और कई लोग घायल हो गए हैं। इस पुल के गिरने के बाद से ही कोलकाता सहित केंद्र का भी राजनीतिक माहौल गर्मा गया है। केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने कहा है कि यह हादसा केवल राज्य सरकार की लापरवाही के कारण ही हुआ है। वहीं राज्य की अन्य विरोधी पार्टी के नेता भी इस हादसे के लिए राज्य सरकार को ही जिम्मेदार बता रहे हैं। वहीं, भाजपा की ओर से राज्य सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। इस हादसे के बाद बचाव कार्य के लिए सेना को मौके पर लगा दिया गया है।
जानकारी के अनुसार कोलकाता के उत्तरी क्षेत्र में गणेश टॉकीज के नजदीक बन रहे पुल का एक हिस्सा अचानक गिरने से बड़ा हादसा हो गया। निर्माणधीन पुल का हिस्सा गिरने से इसके मलबे के नीचे कई लोग दब गए। जैसे ही यह हादसा हुआ चारों ओर से मलबे की चपेट में आए लोगों की चीख पुकार सुनाई देने लगी। यह हादसा दोपहर के समय हुआ और हादसे के समय पुल के नीचे की सड़क का यातायात खुला हुआ था। जिसके चलते इस हादसे की चपेट में कई गाड़ियां और कई लोग आ गए। इस पुल के लिए जो पिलर तैयार किए गए थे वह पुल का वजन सह नहीं पाए और ज्यादा भार के कारण ही गिर गए। इस हादसे में करीब पद्रंह लोगों के मारे जाने की सूचना है। साथ ही कई लोगों के घायल होने की बात कही जा रही है। पुल के गिरते ही सेना को राहत कार्य के लिए बुलाया गया। सेना की चार टुकड़ियों के साथ ही घटना स्थल पर सर्जन, इंजीनियर और एंबुलेस भी बुलाई गई है।
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बता दें कि इस पुल का काम वर्ष 2010 में ही पूरा होना था परंतु इसमें देर होती रही। चुनाव को नजदीक देखते हुए राज्य सरकार भी चाहती थी कि यह पुल जल्द ही बन कर तैयार हो जाए। इस कारण मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ऐलान किया था कि पुल फरवरी तक पूरा हो जाएगा। इस कारण भी पुल को तेजी से बनाया जा रहा था। अब राजनीतिक पार्टियां इस हादसे के लिए राज्य सरकार को ही जिम्मेदार ठहरा रही हैं।