ट्रेन का सफर बना इस जोड़े के विवाह का जरिया

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आपने ट्रेन का सफर तो किया ही होगा, हाल ही में एक ऐसे सफर के दौरान एक जोड़ा बड़े रोचक तरीके से विवाह के बंधन में बंध गया। जीवन के कुछ खास पड़ाव होते हैं, जिनमें जिन्दगी एक नया मोड़ लेती है। इनमें से एक है विवाह। इस मौके पर लोग अकेले रहना पसंद नहीं करते बल्कि घर के सभी लोगों सहित अपने दोस्त अतः रिश्तेदारों को इस खुशी के अवसर का साक्षी बनाते हैं। यही कारण है कि लोग अपने विवाह में लाखों रुपया खर्च कर डालते हैं। हाल ही में इन प्रचलित शादियों से हटकर एक ऐसी शादी सम्पन हुई जिसके बारे में जानकर आप हैरान रह जायेंगे। यह विवाह असल में एक ट्रेन में हुआ और इसके साक्षी बने श्री श्री रवि शंकर जी महाराज।

ट्रेनImage source:

जहां तक बात दहेज की है तो यह गुजरे समय की बात हो चुकी है। मगर अभी भी कई स्थानों पर यह अपनी जड़े जमाये हुए हैं। दहेज़ के इसी श्राप से समाज को मुक्त करने के लिए वर्तमान में श्री श्री रवि शंकर “ओम अनुग्रह यात्रा” कर रहें हैं। इस यात्रा के दौरान वे लोगों से दहेज़ न लेने का संकल्प करा रहें हैं। श्री श्री रविशंकर की इसी यात्रा के दौरान 28 फरवरी 2018 को गोरखपुर तथा लखनऊ के बीच रास्ते में ही एक जोड़ा ट्रेन में विवाह के बंधन में बंध गया। दूल्हे सचिन का विवाह दुल्हन ज्योत्सना से ट्रेन की यात्रा में ही करा दिया गया। संभवतः यह पहला विवाह है जो ट्रेन यात्रा के दौरान किया गया है। आपको बता दें कि सचिन भदोही में फार्मासिस्ट का कार्य करते हैं वहीं ज्योत्सना टैक्स असिस्टेंट आफिसर का कार्य करती हैं।

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ये दोनों लोग कई वर्षों से श्री श्री रविशंकर के शिष्य हैं। असल में इन दोनों का विवाह 18 मार्च होना था, पर ये चाहते थे कि इनका विवाह इनके गुरु की मौजूदगी में हो। यही कारण था कि इन दोनों ने चलती ट्रेन में ही विवाह रचा लिया। ट्रेन में उस समय यात्रा कर रहें यात्री ही इस कपल के बाराती बन गए। सभी लोगों ने ट्रेन में काफी खुशियां मनाई।

आपको बता दें कि दूल्हा सचिन मूल रूप से कौशांबी जिले का रहने वाला हैं तथा दुल्हन ज्योत्सना का परिवार फतेहपुर का निवासी है। ज्योत्सना का कहना है कि हमारा विवाह 18 मार्च को होना था, पर यही हमारे जीवन का सबसे दुर्लभ पल है कि हमारा विवाह हमारे गुरु की मौजूदगी में हुआ तथा उन्होंने हमें अपना आशीर्वाद देकर विवाह संपन्न कराया।”  

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किसी भी लेखक का संसार उसके विचार होते है, जिन्हे वो कागज़ पर कलम के माध्यम से प्रगट करता है। मुझे पढ़ना ही मुझे जानना है। श्री= [प्रेम,शांति, ऐश्वर्यता]

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