वर्तमान में रमजान का मुबारक माह चल रहा है। इस बरकती माह में हर मुस्लिम रोजा रखता है तथा ज्यादा से ज्यादा समय इबादत को देता है। हाल ही में सऊदी के एक मौसम विज्ञानी ने यह कहा है कि इस वर्ष रमजान 29 दिन के रहने की उम्मीद है। इसका मतलब यह है कि सऊदी अरब में ईद 15 तारीख को मनाई जाएगी। आपको बता दें कि हाल ही में सऊदी के वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अब्दुलअज़ीज़ अल हुसेनी ने इस बात को खुलासा किया है कि “हमारी खगोलीय गणना ईद के चांद के दिन की वायुमंडलीय स्पष्टा पर आधारित है। हमारी जानकारी के अनुसार ईद का चांद 14 तारीख को देखा जा सकता है।” दूसरी और सूत्रों का कहना है कि भारत में भी ऐसा ही हो सकता है। इसका मतलब यह हुआ कि इस वर्ष ईद की नमाज सऊदी अरब समेत पूरी दुनिया में एक साथ अदा की जाएगी। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि इस वर्ष भारत में रमजान की शुरुआत सऊदी अरब के साथ हुई है।
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यहां हम आपको एक बात और बता दें कि इस्लामी कैलेंडर सिर्फ चंद्र चक्र का ही अनुपालन करता है यानि प्रत्येक माह 29 या 30 दिन का होता है। यही कारण है कि इस्लामी कैलेंडर में सटीक तारीखे नहीं होती हैं। प्रत्येक विशेष दिन इस बात पर ही निर्भर करता है कि नया चांद किस दिन दिखाई देता है। यह नया चांद 2 विश्वसनीय तथा विशेष गवाहों की देखरेख में देखा जाता है। इस प्रकार कुछ महीनों में अलग अलग स्थानों पर चांद अलग अलग तारीखों में दिखाई पड़ता है। यही कारण है कि दुनिया के अलग अलग देशों में ईद अलग अलग दिन मनाई जाती है। यह अंतर 1 दिन का पाया जाता है।
आपको जानकारी दे दें कि रमजान के माह की शुरुआत परंपरागत रूप से “हिलाल” के दृश्यों पर आधारित है। जिसके बारे में कुरआन में भी उल्लेख किया गया है। इस बारे में विद्वान जानकारी देते हैं कि “यदि कोई व्यक्ति आकाश की और देखता है तथा उसको बारीक से बारीक चांद भी दिखाई पड़ जाता है तो यह हिलाल कहलाता है।” यदि रात में कोई हिलाल को देखता है तो अगले दिन से रमजान का पहला रोजा माना जाता है। विद्वान बताते हैं कि चांद को देखकर ही रोजा रखना चाहिए तथा चांद देखकर ही ईद मनानी चाहिए। अब देखना यह है कि इस बार की ईद आखिर किस तारीख को मनाई जाती है।