रेशमी रूमाल के बारे में आपने कई किस्से सुने या पढ़ें होंगे। मगर क्या आप किसी ऐसे रेशमी रूमाल के बारे में जानते हैं, जिसे बुनने में 6 वर्ष का समय लगता है? अगर नहीं, तो चलिए आज एक ऐसे ही रेशमी रूमाल के बारे में जानते हैं। इस हैरत अंगेज रेशमी रूमाल से जुड़ी सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि पिछले एक हजार वर्ष से इस स्पेशल रेशमी रूमाल को सिर्फ एक ही परिवार बुनता आ रहा है।
अब इस परिवार की एक ही महिला जीवित है। जिनका नाम “चियारा विगो” है। चियारा विगो की उम्र 62 वर्ष है और वे इस रूमाल में प्रयुक्त होने वाले रेशम को समुद्र से निकालने का कार्य करती हैं। दरअसल में समुद्री रेशम की यह खासियत होती है कि वह सूरज की रोशनी में सोने की तरह चमकने लगता है। चियारा विगो को दुनिया की एकमात्र ऐसी महिला माना जाता है, जिन्हें रेशम को समुद्र से निकालना और उस पर कशीदाकारी करना आता है।
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माना जाता है कि आज से 5 हजार वर्ष पूर्व मेसोपोटामिया सभ्यता में महिलाएं राजा के लिए जिस बारीक कपड़े को कशीदाकारी कर तैयार करती थी, वह समुद्री रेशम ही हुआ करता था। मिस्र तथा इजराइल के राजा भी इसी समुद्री रेशम के कपड़े को पहनना पसंद करते थे, इसके अलावा अन्य मज़हबी लोग भी इसी समुद्री रेशम के कपड़े को पहनते थे। वर्षों पहले विगो के परिवार की महिलाओं ने इस समुद्री रेशम के कपड़े को बनाना शुरू किया था।
यह कार्य उन्होंने क्यों और किसके लिए शुरू किया था, इस बारे में विगो ने कभी नहीं बताया। लेकिन पिछले 1 हजार वर्ष से विगो परिवार की महिलाएं समुद्री रेशम के कपड़े का यह कार्य अपनी आने वाली पीढ़ियों को देती आ रही हैं। विगो ने समुद्री रेशम का यह कार्य अपनी नानी से सीखा था।
समुद्र से रेशम निकालने के इस कार्य में काफी जानकारी तथा हुनर की जरूरत होती है। असल में समुद्र में एक विशेष प्रकार के जीव से ही इस रेशम के तार निकाले जाते हैं। इन जीवों को वैज्ञानिक भाषा में “पिना नोबिलिस” कहा जाता है। इस कार्य की सबसे बड़ी बात यह होती है कि इस कार्य से पैसे नहीं कमाए जाते हैं। इस कार्य को सीखने से पहले समुद्र की शपथ खाई जाती है कि इस कार्य को न तो बेचा जाएगा और न ही खरीदा जाएगा।