पैरों से लाचार मां की बैसाखी है उसका यह बेटा

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आज अपने समाज का एक तबका ऐसा भी है जिसमें बूढ़े हो चुके माता-पिता को बोझ समझा जाता है पर हम आपको जिस लड़के के बारे में बता रहें हैं उसकी जिंदगी से मुखातिव होते ही आप को इंसानियत और फर्ज का सच्चा ज्ञान हो जाएगा। इस लड़के का नाम है कमलेश और वर्तमान इसकी उम्र 35 वर्ष है। कमलेश मेहनत-मजदूरी का काम करता है। उसके पिता की मृत्यु काफी समय पहले हो गई थी, इस कारण से उसकी मां बहुत अकेली हो गई, उनकी उम्र भी वर्तमान में 70 वर्ष हो चुकी है और वह अपने जीवन के अंतिम दौर में हैं।

son carry his mother on back1Image Source:

कमलेश को अकसर आप अपनी मां को पीठ पर लादे हुए ग्वालियर की सड़कों पर कभी कभी देख सकते हो, इसका असल कारण यह है की कमलेश की 70 वर्षीय मां विमला की उम्र काफी ज्यादा हो चुकी है और उनके घुटनों में भी दर्द की शिकायत रहती है जिसके कारण वह चल नहीं सकती हैं तथा एक कारण यह भी है की कमलेश के पास पैसे की कमी रहती है इसलिए यदि कभी कहीं जाना होता है तो वह अपनी मां को अपने कंधो पर बैठा कर ले जाता है। कमलेश का कहना है की शहर से दूर का सफर वह बस या ट्रेन से पूरा करते हैं परंतु यदि शहर में कहीं जाना होता है तो वह अपनी मां को कंधे पर बैठा कर ही ले जाता है। कमलेश और उसकी मां दौनो 4 घंटे में 10 किमी का सफर तय कर लेते हैं, इस दौरान कमलेश अपने गले में एक प्लास्टिक की क्रेट भी लटकाए रहते हैं जिसमें पान मसाला आदि चीजें होती हैं, जिनको बेच कर कमलेश की कुछ आमदनी भी हो जाती है। कमलेश की मां का इलाज अभी झांसी के मेडिकल कॉलेज में चल रहा है। कमलेश का यह सेवाभाव वाला द्रश्य जो कोई भी देखता है वह भावुक हुए बिना नहीं रहता है।

shrikant vishnoi
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किसी भी लेखक का संसार उसके विचार होते है, जिन्हे वो कागज़ पर कलम के माध्यम से प्रगट करता है। मुझे पढ़ना ही मुझे जानना है। श्री= [प्रेम,शांति, ऐश्वर्यता]

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