हमारे देश में एक ऐसी ममी मौजूद है जिसका रहस्य कई वर्षों से बरकरार है। इस ममी के रहस्य को जानकर आप भी हैरान हो जाएंगे। आज इस ममी को गयू गांव के लोग भगवान की तरह पूज रहें हैं। हिमाचल में यह गांव स्थित है। इस ममी के नाखूनों और बाल आज भी लगातार बढ़ रहें है। इसी वजह से यहां के लोग इसको अपना भगवान मानते है।
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कब और कैसे मिली यह ममी
आपको बता दें कि यह ममी 550 साल पुरानी है। भारत और तिब्बत सीमा के पास हिमाचल में लाहौल स्पीति के गयू गांव में इस ममी को रखा गया है। लेकिन आज भी इस ममी का रहस्य बरकरार है। इस ममी को देखने के लिए हजारों लोग पहुंचते है। यहां पर ऐतिहासिक ताबो मोनेस्ट्री है। जहां से थोड़ी ही दूरी पर यह गांव स्थित है। यह गांव करीक आठ महिने बर्फ से ढका रहता है।
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कहा जाता है कि तिब्बत से इस गांव में लामा सांगला तेनजिंग तपस्या करने आए थे यह उनकी ही ममी है। साधना में लीन लामा ने अपने प्राणों को त्याग दिया था। उस दौरान लामा की आयु 45 वर्ष थी। इसके अलावा यह बैठी हुई मुद्रा में है। वैज्ञानिकों के मुताबिक इस ममी को 550 साल पुराना बताया गया है। इतना ही नहीं इस ममी को सुरक्षित रखने के लिए किसी भी प्रकार का कोई लेप नहीं लगाया गया है इसके बावजूद यह ममी आज भी ठीक है।
यह भी सबके लिए एक बड़ा सवाल है। इसके अलावा इस ममी के नाखून और बाल आज भी लगातार बढ़ रहें हैं। जो सबको हैरान में डालने वाली बात है। इस ममी के बाल और नाखून बढ़ने का रहस्य आज तक कोई भी वैज्ञानिक सुलझा नहीं पाया हैं। इसी कारण लोग इस ममी को जिंदा ही मानते है। साथ ही इस ममी को भगवान की तरह ही पूजते भी है।
जानकारी के अनुसार यह 1974 में भूकंप के दौरान जमीन में दब गई थी। लेकिन 1995 में भारतीय आईटीबीपी ने खुदाई के दौरान इसे फिर से ढुंढ निकाला। वहीं इस ममी का रहस्य आज भी दुनिया के कई लोगों को परेशान करता है कि क्या वाकई यह ममी जिंदा है। अगर नहीं तो फिर बाल और नाखून कैसे बढ़ रहें है?