देखा जाए तो सामान्य वर्ग के लोगों में से किसी को साफतौर पर पता नहीं होता कि मौत के बाद इंसान का आखिर क्या होता है और क्या वह फिर से जन्म लेता है या नहीं? इस प्रकार के कुछ सवाल ऐसे हैं जिनके जवाब अभी तक नहीं मिल पाए हैं। वहीं कभी-कभी इस प्रकार की घटनाएं भी होती हैं जो पूरे समाज को नए सिरे से सोचने पर मजबूर कर देती हैं। आज हम आपके लिए एक ऐसी ही घटना लाये हैं जो किसी को भी पुनरजन्म के बारे में सोचने को विवश कर देगी।
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यह घटना है यूपी की राजधानी लखनऊ के अन्तर्गत आने वाले एक छोटे से गांव की। इस गांव में एक मुस्लिम परिवार के मुखिया थे हैदर अली। उनका एक ही बेटा था। कुछ बड़ा होने के बाद में वह फलों को शहर में बेचकर घर के खर्च में हाथ बंटाने लगा था। एक दिन आम बेचने के लिए वह शहर गया था और एक ट्रैक्टर ने अचानक उसकी गाड़ी को पीछे से जोरदार टक्कर मार दी, जिसके कारण उसके पेट की हड्डियां अंदर की ओर धंस गईं और उसकी उस समय ही मौत हो गई।
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इस घटना के ठीक 28 दिन बाद उसका जन्म एक हिन्दू ब्राह्मण परिवार में हुआ। वह बच्चा वर्तमान में भले ही हिन्दू धर्म में पैदा हुआ, परन्तु उसे अपने पूर्व जन्म की सभी घटनाओं के बारे में पता है। एक दिन घर के कुछ सदस्यों ने उसको नमाज पढ़ते देखा तो उससे ऐसा करने का कारण पूछा। तब उस लड़के ने अपने पूर्वजन्म की कहानी सभी को बताई। इसके बाद घर वाले उसको उसके पिछले जन्म वाले गांव में लेकर गए।
जब वह लड़का अपने घर पहुंचा तो उसने अपने पिता को पहचान लिया और उनको अब्बा कहने लगा। हैदर अली इस अचानक घटी घटना पर सकपका गए, उनको कुछ समझ नहीं आया। इसके बाद हैदर अली को भी पूर्वजन्म की सभी बातें लड़के ने याद दिलाई और उसने अपने परिवार के सभी लोगों को पहचान लिया। इसके बाद हैदर अली के परिवार वालों ने युवक को अपने गले लगा लिया क्योंकि उनको अपना खोया हुआ बेटा मिल गया था। यह युवक हिन्दू धर्म के अनुसार ही पला बढ़ा परन्तु अपने पिछले जन्म के परिवार से भी उसके ताल्लुकात हमेशा बने रहे।