क्या वृक्ष भी कभी प्रेमी या प्रेमिका हो सकते हैं। आज तक आपने ऐसा कभी सुना ही नहीं होगा, पर आज हम आपको कुछ ऐसा ही बताने जा रहें हैं। आज आपको 2 ऐसे वृक्षों के बारे में बताने जा रहे है जो पूर्वजन्म के प्रेमी मानें जाते हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि प्रतिवर्ष इन दोनों वृक्षों का आपस में विवाह कराया जाता है। यह विवाह उत्सव सभी रीति रिवाजों के साथ बड़ी ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। आइये अब आपको विस्तार से बताते है इस बारे में।
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पूर्वजन्म के प्रेमी मानें जाने वाले ये दो वृक्ष पीपल तथा बरगद के हैं। ये दोनों पेड़ उत्तराखंड के मेलाघाट खातिमा गांव में स्थित हैं। गांव के लोग प्रतिवर्ष इन दोनों वृक्षों का विवाह करते हैं। असल में हुआ यह था कि कई वर्ष पहले बरगद के पेड़ की लता पीपल के वृक्ष से लिपट गई थी। गांव के लोगों ने इस घटना को अंधविश्वास का रूप देकर इन दोनों वृक्षों को पूर्वजन्म का प्रेमी मान लिया। इसके बाद गांव वासियों ने इन दोनों वृक्षों का विवाह भी संपन्न कराया गया। अब सवाल यह उठता है जब एक बार इनका विवाह हो चुका है तो बार बार विवाह क्यों कराया जाता है।
असल में अब लोगों की मान्यता बन गई है कि ये वृक्ष गांव की रक्षा करते हैं तथा इनका विवाह कराने से पुण्य मिलता है इसलिए अब प्रतिवर्ष इन दोनों वृक्षों का विवाह सभी रीति रिवाजों के साथ धूमधाम से कराया जाता है। इस विवाह में पीपल के पेड़ को दुलहा तथा बरगद के पेड़ को दुल्हन मान कर दोनों को सफ़ेद कपड़े से ढका जाता है तथा शादी कराई जाती है। इस प्रकार से एक अंधविश्वास ने 2 पेड़ो को पूर्वजन्म का प्रेमी बनाकर समाज में नई प्रथा शुरू कर दी है।