जो हालातों, ज़रूरतों और मौक़े के अनुरूप हो उसे ही जुगाड़ कहा जाता है। हम भारतीयों को जुगाड़ टेक्नॉलोजी का जितना अनुभव है उतना शायद ही किसी के पास हो। साधन कम होने पर भी अपने काम को पूरी मेहनत से बखूबी स
माप्त करना भारतीयों की विशेषता रही है। हालात चाहे जो भी रहे हों हमने अपने थोड़े साधनों से ही सभी प्रकार के हालातों पर विजय पाई है। चेन्नई में आई बाढ़ के दौरान लोगों ने कुछ ऐसी ही जुगाड़ू चीज़ों का निर्माण कर उनके जरिए एक-दूजे की मदद की। आइए डालते हैं इन पर एक नजर…
1. राफ्ट बोट (Raft Boat)–
इस कश्ती का निर्माण बांस और टायर को जोड़ कर किया गया है। बांस हल्का तो होता ही है, साथ ही पानी में डूबता भी नहीं है। टायर बांस के बनें इस खांचे को भारी वजन के बावजूद पानी में ऊपर उठाये रखता है। इसकी बदौलत ये डूबती नहीं बल्कि तैरती रहती हैं। ये अपनी जुगाड़ टेक्नालॉजी का नायब नमूना है।
Image Source: http://s3.scoopwhoop.com/
यहां देखिए बहती हुई राफ्ट बोट …
Image Source: http://s3.scoopwhoop.com/
2. ड्रम का यूज —
ड्रम उपयोग कर बहुत से लोगों की जान बचाई गयी। खास कर छोटे बच्चों की। इस ड्रम बोट को दो ड्रम जोड़कर बनाया गया था। इसमें दो ड्रामों को आपस में बांध दिया जाता था और इसके ऊपर में कोई लकड़ी का टुकड़ा या अन्य कोई चीज रख दी जाती थी ताकि बैठने वाले को सहूलियत हो सके।
Image Source: http://s3.scoopwhoop.com/
3. क्रेयॉन लाइट्स (Crayon Lights)–
सामान्यत: इनको मोमी कलर कहा जाता है,जिनका उपयोग बच्चे अपने आर्ट वर्क को करने में करते हैं। इस मोमी कलर का बाढ़ग्रस्त इलाकों में अच्छा उपयोग किया गया। क्योंकि अधिकतर इलाकों में पानी ज्यादा होने के कारण बिजली नहीं थी। एक मोमी कलर की पेंसिल लगभग 20 मिनट तक जल जाती है।
Image Source: http://s3.scoopwhoop.com/
4. मोबाइल चार्जिंग–
यह तरीका भी बहुत काम आया क्योंकि बहुत से इलाकों में बिजली नहीं थी। जिसके कारण मोबाइल चार्ज नहीं हो पा रहे थे। तब इस तरीके ने लोगों की बहुत सहायता की और वो लोग अपने परिजनों से कनेक्ट रह सके।
Image Source: http://s3.scoopwhoop.com/
5. बांस का घर बना लोगों का आश्रय —
बांस का घर भी लोगों के लिए काफ़ी उपयोगी रहा। क्योंकि बांस डूबता नहीं है और यह काफी सस्ता भी होता है। इसलिए इस प्रकार के घरों का चलन बहुत हुआ। Salem Citizen’s Forum ने ये तस्वीरें अपलोड की हैं। इस घर को कहीं भी शिफ्ट किया जा सकता है। इसका दाम भी काफ़ी कम है। हालात खराब होने पर इसे एक अस्थाई घर की तरह रखा जा सकता है।