जैसा की आप जानते ही हैं कि भारत प्राचीनकाल से आधात्मिक लोगों की जन्मभूमि रहा है और यही कारण है कि इस भूमि में अनेक साधु-संत हुए हैं और आज के समय भी पाए जाते हैं। प्राचीनकाल से ही ये साधु-संत धर्म का प्रचार करने के कार्य में लगे रहते थे और बहुत सी अनेक जगहों पर इनका आना-जाना भी होता रहता था। इस कारण अनेक जगहों पर इन साधु-संतो ने धर्म प्रचार के लिए अनेक देवालयों, उपासना घरों तथा मंदिरों का निर्माण कराया। इनमें से कई मंदिर बहुत ही वैभवशाली तथा अद्भुत भी रहें हैं। इस प्रकार के मंदिरों में से एक मंदिर ऐसा भी है जो की प्राचीनकाल से आज तक अनेक रहस्यों से घिरा हुआ है। हम आज उस मंदिर के बारे में ही आपको बताने जा रहें हैं।
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इस रहस्यमय मंदिर का नाम है पद्मनाभ मंदिर, यह मंदिर भारत के केरल राज्य के तिरुवनंतपुरम में स्थित है। यह भगवान विष्णु का एक पुरातन मंदिर है। लोगों का कहना है कि इस मंदिर की प्रतिमा इस मंदिर के निर्माण से पहले ही इसी स्थान से प्राप्त हुई थी और उसके बाद में इस मंदिर का निर्माण किया गया। यह मंदिर अपने निर्माणकाल से अब तक अनेक प्रकार की मान्यताओं और रहस्यों से घिरा हुआ है पर आज तक कोई भी इस मंदिर के पीछे के रहस्यों को नहीं जान पाया है।
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वर्तमान में इन मंदिर की देखभाल का कार्य त्रावणकोर का राजपरिवार कर रहा है, इन मंदिर के खजाने के 5 दरवाजे अब तक खुल चुके हैं पर छटे दरवाजे को खोलने की अनुमति राजपरिवार किसी को नहीं दे रहा है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि छठा दरवाजा खुलते ही दुनिया पर भयंकर विपत्ति आ जाएगी।
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वर्तमान समय से 140 साल पहले इन छटे दरवाजे को खोलने का कार्य किया गया था और उस समय इस प्रकार की आवाज आई जैसे दरवाजे के पीछे से मानो समुंद्र उफान मार रहा हो, इस प्रकार की आवाज से वहां उपस्थित सभी पुजारी तथा राजकर्मचारी डर गए और उस कार्य को वहीं रोक दिया गया। इस मंदिर से संबंधित एक मान्यता यह भी है कि यदि छठा दरवाजा खोल दिया गया तो दुनिया पर आफत आ जायेगी, इसलिए पिछले 140 साल से छटे दरवाजे के पीछे का रहस्य आज तक रहस्य ही है। स्थानीय लोगों का मानना है कि इस छटे दरवाजे के पीछे एक सुरंग है जो की समुंद्र में जाकर मिलती है। ऐसा भी माना जाता है इस सुरंग में एक कई सिर वाला विशाल सांप और सांपों का झुंड भी रहते हैं जो की खजाने की रक्षा करते हैं।