मृत्यु के अंतिम क्षणों के अनुभवों से जानिए मौत के बाद का असल सच

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मौत इस जीवन का शाश्वत नियम है और यह सभी को आनी है, लेकिन मौत से पहले कोई भी इसके अनुभव के बारे में जान नहीं पाता है यही मौत की खासियत है, पर कुछ लोगों ने मौत को करीब से अनुभव करके अपने अंतिम समय के कुछ अनुभव हमें बताएं हैं। जिससे हम मौत के अंतिम समय के बारे में काफी कुछ जान सकते हैं, इसलिए आज हम आपके सामने कुछ लोगों द्वारा बताए गए मौत के अनुभवों को बता रहें हैं ताकि आप जान सकें कि मौत का असली अंतिम अनुभव आखिर होता कैसा है, आइए जानते हैं इस बारे में।

1. पहला मृत्यु का अनुभव एक लड़की का है, इस लड़की का नाम “मेगना” है और यह 11 वर्षीय बच्ची है। असल में इस लड़की की मौत जहर खाने के कारण हो चुकी थी, पर अचानक यह जीवित हो गई तथा थोड़ा इलाज करने के बाद में यह स्वस्थ भी हो गई। इस लड़की ने अपनी मौत के बाद के अनुभव के बारे में बताया कि जहर खान के बाद में इसकी आंखें बंद हो गई थी तथा वह बेहोश थी। उस बेहोशी में इस लड़की ने देखा कि वह प्रकाश में है और कोई उसको खींच रहा है, पर वह कौन है उसका कोई पता नहीं लग पाया। बाद में इस लड़की लड़की ने देखा कि वह एक प्रकाश भरे दरवाजे में आ गई है और वहां पर कई व्यक्ति आपस में बातें कर रहें हैं और इन लोगों में इसके पूर्व में मरे हुए परिजन भी हैं। अचानक किसी ने मेगना को बाहर निकालने का आदेश दिया और इसे धक्का दे दिया। जिसके बाद में मर चुकी मेगना की धड़कन फिर से चलने लगी, जबकि डॉक्टरों ने उसको मृत घोषित कर दिया था।

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2. दूसरी घटना राजस्थान के रामगढ़ से है, यहां पर कुछ दिन पहले एक महिला की मौत लंबी बीमारी के चलते हो गई थी, पर अचानक वह जीवित हो उठी और इस महिला ने अपनी मृत्यु के बाद के अनुभवों को शेयर करते हुए लोगों से बताया कि उसको कुछ बड़े कद के लोग आकाश में उठा कर ले गए थे। जिसके बाद में वे उसको किसी प्रकाश भरी जगह ले गए और उस जगह पर उसने अपने वे सभी परिजन भी देखें जो पहले मर चुके थे। वहां पर किसी ने उन बड़े कद के लोगों से कहा कि इसको यहां क्यों ले आए इसका अभी समय नहीं आया है और उसके बाद में महिला को ऊपर से नीचे छोड़ दिया गया तथा वह जिंदा हो गई।

देखा जाए तो मौत के ये दोनों अनुभव सुंदर अवस्था को प्रमाणित करते हैं तथा यह सिद्ध करते हैं कि मौत के बाद भी मानव का अस्तित्व बना रहता है। कुछ “गरुण पुराण” जैसे ग्रंथों में मौत के बारे में विस्तृत चर्चा की गई है तथा उन सूक्ष्म लोगों का भी वर्णन किया गया है, जहां आत्मा मौत के बाद में जाती है। खैर, दोनों अनुभवों से यह बात प्रमाणित होती है कि मौत कोई डरने वाली अवस्था नहीं है और मृत्यु के बाद भी हमारा अस्तित्व कायम रहता है।

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किसी भी लेखक का संसार उसके विचार होते है, जिन्हे वो कागज़ पर कलम के माध्यम से प्रगट करता है। मुझे पढ़ना ही मुझे जानना है। श्री= [प्रेम,शांति, ऐश्वर्यता]

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