दुनिया में हम सभी लोग रहते हैं परंतु फिर भी शायद ही कोई हमारी इस धरती की वास्तविक उम्र का ज्ञान रखता हो मतलब साफ़ है की हमें अपनी इस पृथ्वी की सही उम्र का पता नहीं है परन्तु हम इस पृथ्वी के सबसे पुराने गांव के बारे में जरूर जान सकते हैं। आज हम आपको बता रहें है दुनिया कम सबसे पुराने गांव के बारे में। आइये जानते हैं इस गांव के बारे में।
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इस गांव का नाम है “पत्तरई पेरमबुदूर”, जो की चेन्नई में है और यहां से करीब 55 किमी दूर स्थित है। तमिलनाडू के रहने वाले लोग इस गांव पर गर्व करते हैं और इसको एक ऐतिहासिक स्थल बताते हैं। राज्य के पुरातत्व विभाग के अनुसार लोग यहां पर लगभग 30 हजार वर्षो से लगातार रहते आ रहें हैं। इस गांव में हालही में खुदाई का कार्य हुआ है, जिसमें कलाकृतियां भी वरामद हुई हैं। इस खुदाई में रिसर्च करने वाले पुरातत्वविदों का कहना है की “हालही में हुई खुदाई से, कुछ ऐसी कलाकृतियां बरामद हुई हैं जो 30 हज़ार साल पुरानी हैं, पत्तरई पेरमबुदूर के प्राचीन गांव होने के दावे को और बल मिला है।” इसके अलावा इस स्थान पर 2015 में भी खुदाई का काय हुआ था, उस समय इस स्थान से पाषाण युग और उत्तर पाषाण युग (30,000 BC-10,000 BC) तथा लौह युग के लोहे के सामान एवं पत्थर के सामान मिले थे। इतना होने के बाद में इस स्थान पर खुदाई करवाने का फैसला सरकार ने किया और तब लगातार 3 महीने तक पत्तरई पेरमबुदूर नामक इस गांव में खुदाई चली और 12 अलग अलग जगहों को खोद कर 200 वस्तुओं को प्राप्त किया गया।
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आर. सिवानन्थम, जो की तमिलनाडू राज्य पुरातत्व के उप निदेशक हैं कहते हैं की “खुदाई के दौरान उत्तर पाषाण युग से रेत की परतें और लौह युग और प्रारंभिक ऐतिहासिक काल की प्राचीन वस्तुएं बरामद हुई हैं, इसके आधार पर कहा जा सकता है कि ये जगह उत्तर पाषाण युग से लेकर अब तक बसा हुआ है।” एएसआई के पूर्व अधीक्षक पुरातत्वविद डॉ टी सत्यमूर्ति राज्य के पुरातत्विदों की बात से सहमत होकर कहते हैं की “पत्तरई पेरमबुदूर में 30 हज़ार सालों से लोग रह रहे हैं इस बात की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।” आगे वे अपने विचार रखते हुए कहते हैं की “इस बात के सबूत हैं कि इस जगह के पास गुडियम गुफ़ाओं में क़रीब 50 हज़ार से 75 हज़ार साल पहले लोगों का बसेरा था, इसलिए इस संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है।”
इससे यह सिद्ध हो जाता है की दुनिया का सबसे पुराना गांव पत्तरई पेरमबुदूर ही है। हांलाकि अभी इस गांव में रिसर्च चल रही है और मुमकिन है की इस गांव की जमीन हमारे सामने अभी कई और राज खोलें।