लोग सामान्यतः दाऊद इब्राहिम को ही मुंबई का डॉन मानते हैं पर असल में ऐसा नही हैं। आज हम आपको उस व्यक्ति के बारे में बताने जा रहें हैं जो न सिर्फ मुंबई का पहला डॉन था बल्कि उसने दाऊद इब्राहिम की सरेआम पिटाई भी की थी। आपको बता दें कि हाजी मस्तान मिर्जा या दाऊद को ही लोग मुंबई का डॉन बताते हैं पर जो जानकार लोग हैं वे करीम लाला को मुंबई का डॉन स्वीकारते हैं।
करीम लाला का जन्म 1911 में अफगानिस्तान के कुनार प्रांत में हुआ था। उसका पूरा नाम “अब्दुल करीम शेर खान” था। करीम का खानदान बिजनेस करता था, पर करीम को बड़ा आदमी बनना था। तरक्की की चाहत उसे भारत ले आई। करीम लाला पकिस्तान के पेशावर शहर से मुंबई कारोवार के सिलसिले में आया था पर बाद में उसने यहीं बसने का मन बना लिया था। उसने सपने में भी नहीं सोचा था कि वह मुंबई का सबसे बड़ा डॉन बन जायेगा।
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मुंबई डॉक के जरिये वह हीरों की तस्करी का कार्य करने लगा और 1940 में उसने इस धंधे में अपनी पकड़ बना ली। पैसा आने के बाद उसने मुंबई में शराब तथा जुए के कई अड्डे खोल दिए। इस प्रकार करीम का काम बढ़ता गया। इस समय दाऊद इब्राहिम और उसके भाई शब्बीर इब्राहिम ने इस धंधे में एंट्री की और करीम को चुनौती देनी शुरू कर दी।
इस वजह से मुंबई में गैंगवार शुरू हो गई। जानकार लोग बताते हैं कि दाऊद एक बार मुंबई में करीम लाला के हत्थे चढ़ गया था और करीम ने दाऊद को सरेआम पीटा था। जिसकी वजह से दाऊद को गंभीर चोटे आई थी। यह बात आज भी अंडरवर्ल्ड में प्रचलित हैं। लोग बताते हैं कि करीम लाला गरीब लोगों की हमेशा मदद करता था। वह लोगों के झगड़ों में मध्यस्थ बनकर उन्हें निपटाता था।
हर शाम उसके घर पर जनता दरबार लगता था और वहां वह सभी की समस्याएं सुनता था। आपको बता दें कि मुंबई में ही 19 फरवरी, 2002 को 90 वर्ष की उम्र में करीम लाला की मृत्यु हो गई थी।