वैसे तो अंतरिक्ष कितना बड़ा है और इसमें क्या क्या छिपा है। इसका पता कोई नहीं लगा पाया है। मगर लगातार होने वाली नई नई खोजों में कई बार ऐसे चीजे सामने आती है जिसे लोग भी दंग रह जाते है। आज हम आपको कुछ ऐसी ही चीजों के बारे में बता रहें हैं। इस कड़ी में सबसे पहली खोज सन 2011 में हुई थी।अंतरिक्ष की खोज के दौरान वैज्ञानिकों को एक ऐसा ग्रह मिला जो की कार्बन से बना था। यह वही कार्बन था जिससे हीरा बनता है। इस ग्रह को पल्सर प्लेनेट या PSR J1719-1438 b कहा जाता है। इस गृह पर मिलने वाला कार्बन पृथ्वी के हीरे से भी ज्यादा अच्छी क्वालिटी का होता है। इस ग्रह के संबंध में वैज्ञानिक कहते हैं की पहले यह एक तारा था लेकिन बाद में धीरे धीरे यह एक ग्रह में तब्दील हो गया था।
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इस ग्रह के शोध के दौरान वैज्ञानिकों को कुछ बादल भी मिले जो कि सूर्य से भी एक लाख गुना बड़े आकार के थे। माना जाता है की ये बादल उस समय निर्मित होते हैं जब ब्लैक हॉल की घटना घटती है। सामान्य तौर पर हम सभी लोग यह जानते हैं कि सूरज ही सबसे बड़ा तारा है लेकिन हालही में हुई अंतरिक्षीय खोज में वैज्ञानिकों ने एक ऐसे तारे को खोज निकाला है जो की सूरज से भी 1500 गुना बड़ा है।
सन 2015 में वैज्ञानिकों को एक ऐसा ग्रह अंतरिक्ष में नजर आया जो की पृथ्वी जैसा ही था। इस ग्रह को HD 219134b कहा जाता है और यह पृथ्वी से 21 प्रकाश वर्ष की दुरी पर स्थित है।
सामान्यतः तारों का तापमान बहुत ज्यादा होता है पर अंतरिक्ष में एक ऐसा तारा भी है जिसका टम्प्रेचर महज 21 डिग्री सेल्सियस का है जैसा हमारे यहां सामान्य दिनों में होता है।
चमकती बिजली को आपने अक्सर आसमान में बादलों के बीच ही देखा होगा मगर क्या आप जानते है कि अंतरिक्ष में भी बिजली चमकती है और यह बहुत ज्यादा पावरफुल होती है। आपको बता दें कि इस अंतरिक्षीय बिजली में 500 लाख टन की ऊर्जा होती है।