नक्सलियों को अक्सर देश में आतंक का ही पर्याय माना जाता है। हमेशा दहशत के माहौल में रहने वाले नक्सलियों के भी सीने में दिल होता है। साथ ही उनमें भी सही और गलत की पहचान भी होती है। कई बार अपनी मौजूदा स्थिति में सुधार और इस रास्ते को गलत मान कर नक्सली पुलिस के आगे आत्मसमर्पण करके समाज की मुख्य धारा से जुड़ कर अपना जीवन एक आम आदमी की तरह व्यतीत करने लगते हैं। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बस्तर जिले में दो नक्सलियों ने कुछ समय पहले पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया था। हाल ही में इनकी शादी हो गई। उनकी शादी को यादगार बनाने के लिए पुलिस की ओर से उन्हें एक बेहतरीन तोहफा दिया गया। इस तोहफे में पुलिस की ओर से उन्हें पुलिस विभाग में नौकरी ही दे दी गई है। यह दंपति अब पुलिस में आरक्षक के रूप में काम करेंगे।
छत्तीसगढ़ के बक्सर जिले में दो नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया था। इन नक्सलियों का नाम कोसी और पोडियामी लक्ष्मण है। यह दोनों ही आत्मसमर्पण के बाद के पुलिस की सुरक्षा में निवास कर रहे थे। इस बीच दोनों ने पुलिस के समक्ष अपनी शादी करने की इच्छा जाहिर की। जिला पुलिस ने उनकी मांग पर गौर किया और उनकी इच्छा के मुताबिक कोसी और लक्ष्मण की शादी का फैसला लिया।
इसके बाद दोनों की शादी की तैयारियां की गईं। शनिवार को दोनों की शादी में बाराती के रूप में पुलिस विभाग के कई अधिकारी सहित पुलिस के अन्य जवान भी शामिल हुए। इस शादी में जिले के प्रशासनिक और पुलिस के साथ ही जिले के अन्य बड़ी हस्तियां भी शामिल हुईं। शादी के दूसरे ही दिन पुलिस की ओर से दोनों नक्सलियों को सरकारी नौकरी का तोहफा दे दिया है।
जिला पुलिस अधिक्षक आरएन दास ने बताया कि दोनों नक्सलियों को बस्तर क्षेत्र के महानिरीक्षक एस आरपी ने नियुक्ति देने की समीक्षा की थी। राज्य शासन द्वारा आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों के पुनर्वास के लिए नौकरी देने का प्रावधान है। इसको ध्यान में रखते हुए दोनों की योग्यता के मुताबिक उन्हें आरक्षक पद पर नौकरी देने का निर्णय लिया गया है।
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नक्सल आंदोलन को छोड़कर समाज की मुख्य धारा से जुड़ने वालों को पुलिस की ओर से भी मदद दी जाती है। इस तरह की शादी से यह साबित हो गया है कि नक्सलियों की मानसिक स्थितियों में बदलाव आ रहा है और वो भी समाज में आम आदमी की तरह जीवन यापन करना चाहते हैं।