आज के समय में तेजी से भागती जिंदगी के बीच में किसी को किसी की मदद करने की फुरस्त तक नहीं है। इस दौर के लोग अपनी इंसानियत को भूलकर सिर्फ अपने स्वार्थ में जी रहें हैं। क्योंकि आज हम ऐसे समाज में जी रहें हैं, जहां इंसान ही इंसान का सबसे बड़ा दुश्मन है। यदि कोई इस स्वार्थ भरी दुनिया में किसी की मदद करने को भी आगे बढ़ता है, तो लोग उसे पागल समझने लगते हैं, लेकिन आपको यह बात जानकर हैरानी होगी कि इसी स्वार्थ पूर्ण दुनिया में कुछ ऐसे लोग भी मौजूद हैं जिनके दिल में इंसानों के साथ-साथ जानवरों के प्रति भी बेहद लगाव है। इन जानवरों को सहारा देने के लिए वह अथक प्रयास कर रहें हैं। आज हम आपको बता रहें हैं समाज में इंसानियत की ऐसी तस्वीर के बारे में जो सड़क के बेहारा कुत्तों को साहारा देकर उनका मसीहा बन चुका है।
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बेंगलूरू में रहने वाला इस शख्स के पास एक या दो नहीं, बल्कि 753 बेसहारा कुत्ते रहते हैं। जी हां, ये इस इंसान ने अपने बेंगलूरू के फार्म हाउस में 753 बेसहारा कुत्तों को आश्रय देकर उन्हें भूख से मरने से बचाया है।
राजेश शुक्ला नाम का यह शख्स बेंगलूरू में एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर के पद पर आसीन है। इन्होंने सड़क के कुत्तों को सहादा दने का काम कर एक अद्भुत मिसाल कायम की है। इनको देखते ही सड़क के सारे कुत्ते इन्हें अपने पास बुलाने के लिए भौंकना शरू कर देते हैं। इन्होंने अपने फर्म हाउस में इन सभी आवारा कुत्तों का आश्रय बना दिया है, जहां पर पहुंचकर ये उनकी सेवा करने में लग जाते है। जैसे ही इनकी गाड़ी फार्म हाउस के दरवाजे पर आकर रूकती है, वैसे ही सभी कुत्ते भौंकना शुरू कर देते हैं और इनके नजदीक आते ही सभी कुत्ते उनको चाटकर दुलार करना शुरू कर देते हैं। ये कुत्ते अपने इस मसीहा को बेहद प्यार करते है।