अपने देश में ऐसी बहुत सी घटनाएं और जगह देखने को मिलती रहती हैं जो भले ही बहुत पहले की हैं, पर आज भी भाईचारे का सन्देश देती रहती हैं। कहीं सुना था कि “लड़ाई तो सियासी लोगों के बीच होती है, आम आदमी तो भाईचारे और दो वक्त की रोटी में ही खुश रहता है।” यह बात समझाती है कि लोग झगड़ों से नफरत और भाईचारे से प्रेम करते हैं। इसका उदाहरण कभी-कभी देखने को भी मिल जाता है। आज हम आपको एक ऐसी ही घटना के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं जो इस बात को एक बार फिर पुख्ता करती है।
क्या है मामला-
यह घटना है पंजाब के जगरांव गांव की। यहां के सिखों ने गांव के इकलौते मुस्लिम परिवार के लिए मस्जिद के निर्माण में मदद की। असल में 1947 में इस गांव की एक मात्र मस्जिद अपनी जर्जर हालत के कारण बंद हो गई थी। वर्तमान समय में कुछ लोगों ने इस मस्जिद को फिर से बनाने का विचार किया तो सारा गांव इस मस्जिद के निर्माण में सहयोग देने के लिए इकट्ठा हो गया। समय पर मस्जिद का निर्माण कार्य पूरा भी हो गया और फिर इसका उद्घाटन पंजाब के शाही ईमाम उस्मान लुधयानवी ने किया। उस्मान लुधयानवी ने कहा कि उनके साथ के लोगों ने गांव के लोगों से मस्जिद निर्माण के कार्य में हाथ बंटाने के बारे में बात की थी और इसका रिजल्ट बहुत ही सकारात्मक निकला। गांव वालों ने आर्थिक सहायता के साथ मस्जिद के काम में भी हाथ बंटाया।
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मस्जिद निर्माण के बाद गांव के लोगों ने ही सबको सामूहिक लंगर भी कराया। इस गांव को देख कर नहीं लगता कि देश में कहीं भी साम्प्रदायिकता है। साम्प्रदायिक बयान देने वाले लोगों को इस घटना से बहुत कुछ सीखना चाहिए।