जानिये करवाचौथ व्रत का शुभ मुहूर्त व इसका महत्व

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करवाचौथ का पर्व विवाहित महिलाओं का पर्व हैं। करवा शब्द का अर्थ होता हैं “मिट्टी से बना बर्तन” और चूंकि यह त्यौहार कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता हैं इसलिए इसको “करवाचौथ” कहा जाता हैं। इस त्यौहार को महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए मनाती हैं।

नवरात्र तथा दशहरा बीत जाने के बाद यह त्यौहार आता हैं। इस दिन सभी महिलाएं करवा चौथ के व्रत के लिए खरीदारी करती हैं। नए कपड़े, मेहंदी लगवाती हैं, नए गहने व अन्य सामान खरीदती हैं। इस वर्ष यह व्रत 8 अक्टूबर को हैं। हिंदू कैलेंडर के हिसाब से यह व्रत कार्तिक माह में कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को आता हैं।

करवाचौथImage Source: 

ऐसे होता हैं व्रत के दिन पूजन –

इस दिन महिलाओं द्वारा दिनभर निर्जल व्रत किया जाता। मान्यता हैं कि इस व्रत करने पति की आयु लंबी होती हैं। इस दिन महिलाएं शाम के समय चंद्रमा को देखने के बाद पूजन कर अपने व्रत को खोलती हैं। व्रत में महिलाएं दिन में भगवान शिव, देवी पार्वती तथा कार्तिकेय का पूजन करती हैं तथा शाम को चंद्रमा निकलने पर उनके दर्शन करती हैं और पूजन के बाद पति द्वारा पानी पी कर अपना व्रत खोलती हैं। कहते हैं कि शाम को चंद्रमा के साथ-साथ पति के चेहरे को छलनी में देखना शुभ होता हैं।

करवाचौथImage Source: 

यह हैं इस करवाचौथ का शुभ मुहूर्त –

इस वर्ष करवा चौथ व करवाचौथ की पूजा का मुहूर्त 8 अक्तूबर शाम 6:03 से शुरू होगा और अगले दिन शाम 7:17 बजे समाप्त होगा। वहीं करवाचौथ पर चंद्रमा निकलने का समय 8:27 हैं। दूसरी और करवाचौथ पर चतुर्थी तिथि 8 अक्तूबर को 04:58 बजे शुरू होकर 9 अक्तूबर को 02:16 बजे समाप्त होगी।

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किसी भी लेखक का संसार उसके विचार होते है, जिन्हे वो कागज़ पर कलम के माध्यम से प्रगट करता है। मुझे पढ़ना ही मुझे जानना है। श्री= [प्रेम,शांति, ऐश्वर्यता]

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