क्या मरे हुए व्यक्ति को भी खाने की जरूरत पड़ती है, क्या वह भी अन्य लोगों के जैसे राशन की दुकान पर जाते हैं? असल में हाल ही में एक मृत व्यक्ति अपना राशन लेने के लिए एक दुकान पर पहुंच गया और उसे देखकर दुकानदार भी हैरान रह गया। यह खबर पढ़ कर आप भी हैरान हो गए होंगे, पर सही बात यही है कि एक मृत व्यक्ति अपने लिए राशन की दुकान पर राशन लेने के लिए गया था, आइए अब आपको विस्तार से इस बारे में बताते हैं।
यह मामला सामने आया है मध्य प्रदेश के जबलपुर स्थित शहपुरा जनपद के खिरकाखेड़ा गांव से। यहां के निवासी रिक्की भूमिया एक आदिवासी मजदूर है जिनकी उम्र 61 वर्ष है। हाल ही में रिक्की भूमिया अपना राशन लेने के लिए जब बीपीएल के राशन विक्रेता की दुकान पर गया, तो डीलर उसको देखकर हैरान रह गया और उसको राशन देने से मना कर दिया।
रिक्की के पूछने पर दुकानदार ने बताया कि तुम लिस्ट के हिसाब से मृत हो चुके हो, इसलिए तुमको राशन नहीं मिलेगा। असल में बीपीएल सूची क्रमांक-141 में रिक्की भूमिया को मृत इसलिए दिखाया गया था, क्योंकि बीपीएल सूची के सर्वे में लिस्ट बनाने वाले से गलती हो गई थी और रिक्की का नाम मृत लोगों में लिखा गया था।
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इस घटना से आहत हुए रिक्की ने अपने गांव के सरपंच पति शिवराम के पास पंहुचा, जहां शिवराम ने रिक्की को कहा कि वह परेशान न हो हम लोग तुम्हारा नाम फिर से बीपीएल सूची के जीवित लोगों में ही लिखवा देंगे।
शिवराम के कहने पर पंचायत सचिव ने तहसीलदार को सूचना दी, जिसके बाद में रिक्की भूमिया का नाम बीपीएल सूची के जीवित लोगों में लिख दिया गया है, पर बीते माह तक इस बात की सूचना रिक्की के क्षेत्र के बीपीएल सेल्समेन तक नहीं पहुंची, इसलिए उसको पिछले माह का राशन नहीं मिल पाया, पर अब तहसीलदार ने अपनी ओर से सेल्समेन तक सूचना पंहुचा दी है।
जिसके बाद ही रिक्की को राशन मिलना शुरू हो गया। इस प्रकार से एक जीवित व्यक्ति को सरकारी कागजों में मृत व्यक्ति घोषित करने का यह मामला जबलपुर क्षेत्र में काफी चर्चित रहा।